Petrol-Diesel price cut: निवेशक शुक्रवार को तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के शेयरों से दूर रहे। उन्हें आशंका है कि पेट्रोल और डीजल की रिटेल कीमतें घटाने के सरकार के निर्णय से अल्पावधि में कंपनियों का मुनाफा मार्जिन प्रभावित हो सकता है। गुरुवार को सरकार ने घोषणा की कि ओएमसी 22 महीने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटाएंगी। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल-डीजल 2 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया। कीमतों में बदलाव शुक्रवार से लागू हो गया है।
चूंकि केंद्र सरकार से कंपनियों को उत्पाद शुल्क से संबंधित किसी तरह की राहत मिलने का संकेत नहीं है। इसलिए विश्लेषकों का मानना है कि ओएमसी को कीमत कटौती का बोझ उठाना होगा। इस घटनाक्रम की वजह से सरकार के स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों के शेयर शुक्रवार को दिन के कारोबार में बीएसई पर 19 प्रतिशत तक लुढ़क गए।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन 9.8 प्रतिशत से ज्यादा गिरकर 451 रुपये और 153.6 रुपये पर आ गए जबकि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) दिन के कारोबार में 8 प्रतिशत गिरकर 571.75 रुपये पर आ गया था। बाद में ये शेयर थोड़ी रिकवरी के बाद 6 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स में 0.6 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई। इस बीच ऑयल ऐंड गैस सूचकांक 2.2 प्रतिशत की गिरावट का शिकार हुआ।
शुक्रवार की गिरावट के साथ ओएमसी के शेयर अपनी 52 सप्ताह की ऊंचाई से 15 प्रतिशत और 21 प्रतिशत के बीच गिर चुके हैं। इन शेयरों ने यह ऊंचा स्तर फरवरी के मध्य में बनाया था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमें रिटेल कीमत कटौती और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बीच अल्पावधि में ओएमसी के शेयरों के प्रति झुकाव नकारात्मक रहने का अनुमान है। फिर भी हमने एचपीसीएल और इंडियन ऑयल पर खरीदें रेटिंग और बीपीसीएल पर तटस्थ रेटिंग दी है क्योंकि कच्चे तेल और सकल रिफाइनिंग मार्जिन पर लाल सागर संकट का असर कमजोर पड़ रहा है जिससे विपणन मार्जिन मध्यावधि में 3 रुपये प्रति लीटर तक सुधारने में मदद मिलेगी।’
विश्लेषकों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और विपणन मार्जिन भरपाई के स्तर के आसपास होने के कारण विशेष रूप से डीजल कीमतों में कटौती की जरूरत नहीं थी।
उनका कहना है कि वाहन ईंधन सकल विपणन मार्जिन (जीएमएम) में प्रति लीटर 0.5 रुपये के बदलाव का इंडियन ऑयल के वित्त वर्ष 2025 के समेकित एबिटा पर 7.1 प्रतिशत (3,400 करोड़ रुपये), बीपीसीएल के वित्त वर्ष 2025 के समेकित एबिटा पर 8.3 प्रतिशत (2,130 करोड़ रुपये) और एचपीसीएल के एबिटा पर 10.5 प्रतिशत (1,860 करोड़ रुपये) प्रभाव पड़ सकता है। शुरुआती अनुमानों में कहा गया था कि ताजा कीमत कटौती के बाद ओएमसी का जीएमएम घटकर डीजल पर 2.2 रुपये प्रति लीटर और पेट्रेल पर 3.5 रुपये प्रति लीटर रह जाएगा।
एचपीसीएल, इंडियन ऑयल और बीपीसीएल के शेयर मार्च/अप्रैल, 2023 में अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर के मुकाबले 78 प्रतिशत से 113 प्रतिशत के बीच चढ़े हैं। एचपीसीएल वित्त वर्ष 2025 की पीबी के 1.4 गुना पर कारोबार कर रहा है जबकि उसका ऐतिहासिक औसत 1.0 गुना का रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि महंगे मूल्यांकन ने रिस्क-रिवार्ड प्रतिकूल बना दिया है। वहीं इंडियन ऑयल के लिए यह आंकड़ा 1.4 गुना और बीपीसीएल के लिए 1.6 गुना है।