भारतीय बाजार में हुई हालिया बिकवाली से दलाल पथ के इक्विटी मूल्यांकन में तेज गिरावट आई है। बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स का पिछला पीई गुणक गुरुवार को 21 महीने के निचले स्तर पर आ गया और भारी बिकवाली के कारण यह 24.2 गुने पर टिका। गुरुवार को इंडेक्स 366 अंक टूट गया। इसके साथ ही इंडेक्स अपने अब तक के सर्वोच्च स्तर 62,245 अंक से 11.5 फीसदी टूट चुका है, जो 19 अक्टूबर 2021 को देखा गया था।
इसकी तुलना में इंडेक्स मार्च 2021 के आखिर में 34.4 गुना पीई गुणक पर कारोबार कर रहा था और 31.7 गुने पर, जब उसने पिछले साल अक्टूबर में नई ऊंचाई को छुआ था।
हाल के वर्षों में यह इक्विटी मूल्यांकन में हुई तेज गिरावट में से एक है। इससे पहले इंडेक्स पीई कोविड-19 की बिपकवाली के दौरान आधा रह गया था, जो महामारी से पूर्व दिसंबर 2019 में 29 गुने पर था और मार्च 2020 में यह घटकर एक दशक के निचले स्तर 15.7 गुना रह गया था।
कई विश्लेषकों को हालांकि आशंका है कि मौजूदा स्तर से बाजार में और गिरावट आ सकती है। जेएम फाइनैंंस इस्टिट््यूशनल इक्विटी के प्रबंध निदेशक और मुख्य रणनीतिकार धनंजय सिन्हा ने कहा, रूस-यूक्रेन विवाद के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रशासन बदल रहा है। मौजूदा मूल्यांकन अभी भी भारत की आर्थिक बढ़त व कंपनियों की आय के मामले में गिरावट के जोखिम को पूरी तरह प्रतिबिंबित नहीं करता, जो ऊर्जा व जिंसों की कीमतों में तेजी के कारण होने वाला है। उनके मुताबिक, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारी उधारी की मजबूत संभावना या अहम अर्थव्यवस्था में स्टैगफ्लेशन की आशंका है, जो शेयर कीमतों को मौजूदा स्तर से काफी नीचे ले जा सकता है।
हालिया गिरावट के बावजूद बाजार ऐतिहासिक आधार पर महंगे बने हुए हैं। सेंसेक्स का पिछला पीई गुणक पिछले 10 साल में औसतन 22 गुना रहा है, जो मौजूदा आय गुणक के मुकाबले करीब 10 फीसदी नीचे है। भारतीय इक्विटी बाजार भी प्राइस टु बुक वैल्यू के आधार पर अपेक्षाकृत महंगा बना हुआ है। गुरुवार को इंडेक्स का पीबी अनुपात 3.36 गुना रहा, जो पिछले जुलाई के बाद का निचला स्तर है। मौजूदा अनुपात इंडेक्स के 10 साल के औसत पीबी अनुपात 3 गुने के मुकाबले करीब 12 फीसदी ज्यादा है।
शेयरों के मूल्यांकन मापने के मामले में सबसे आम मानक प्राइस टु अर्निंग मल्टीपल होता है, लेकिन ज्यादातर विश्लेषक प्राइस टु बुक वैल्यू रेश्यो पर भरोसा करते हैं क्योंकि इसमें कम उतारचढ़ाव होता है। पिछले दो साल में पीबी अनुपात पिछले साल सितंबर के 3.8 गुने के उच्चस्तर से मई 2020 के 2.3 गुने के निचले स्तर के दायरे में रहा है। इसकी तुलना में इंडेक्स का पीई गुणक काफी उतारचढ़ाव भरा रहा है और पिछले साल मार्च में यह 34.4 गुना था और मार्च 2020 में 15.7 गुने के निचले स्तर पर था।
अन्य का कहना है कि हाल के महीनों में इंडेक्स के मूल्यांकन में आई ज्यादातर गिरावट बाजार में आई गिरावट के बजाय पिछली कुछ तिमाहियों मेंं जिंस उत्पादकों व बैंकों की आय में अप्रत्याशित उछाल के कारण है। नारनोलिया सिक्योरिटीज के सीआईओ शैलेंद्र कुमार ने कहा, उदाहरण के लिए निफ्टी अपने 52 हफ्ते के उच्चस्तर से महज 13 फीसदी नीचे है जबकि साल 2020 के शुरुआत के मुकाबले करीब 35 फीसदी नीचे, जब महामारी फैली थी और यह साल 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के मुकाबले करीब 50 फीसदी गिरा है। हम कम मूल्यांकन की बात तभी कर सकते हैं जब बाजार और 4-5 फीसदी गिरे।
