हाल के दिनों में रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में खूब तेजी देखी जा रही है। निफ्टी इंडिया डिफेंस सूचकांक आज 5.6 फीसदी उछल गया और पूरे हफ्ते इसमें 17.2 फीसदी की तेजी आई, जो 2022 के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक उछाल है। रक्षा कंपनियों के शेयर ऐसी मीडिया रिपोर्टों से चढ़े हैं कि चालू वित्त वर्ष में रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित किए जा सकते हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध, वेल्थ मैनेजमेंट के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘अगर ऐसा हुआ तो वित्त वर्ष 2026 में रक्षा क्षेत्र के लिए समग्र आवंटन 7 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है।’
इस साल फरवरी में पेश आम बजट में वित्त वर्ष 2026 के लिए रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन वित्त वर्ष 2025 के 4.57 लाख करोड़ रुपये से 7.7 फीसदी ज्यादा 4.91 लाख करोड़ रुपये किया गया। इसमें रक्षा सेवाओं के लिए राजस्व व्यय के साथ-साथ पूंजीगत व्यय भी शामिल है। वित्त वर्ष 2025 में रक्षा क्षेत्र के कुल आवंटन में राजस्व व्यय का हिस्सा 65 फीसदी रहा और वित्त वर्ष 2021 से यह औसतन 62.4 फीसदी बना हुआ है। पिछले पांच साल में रक्षा बजट और रक्षा क्षेत्र में पूंजीगत व्यय सालाना 7.6 फीसदी की दर से बढ़ा है।
पूंजीगत आवंटन ज्यादा होने से रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को फायदा होता है। वित्त वर्ष 2026 में रक्षा क्षेत्र के लिए पूंजीगत आवंटन 1.8 लाख करोड़ रुपये किया गया है जो वित्त वर्ष 2025 में 1.6 लाख करोड़ रुपये (संशोधित) रहने का अनुमान है।
इसकी तुलना में रक्षा क्षेत्र के लिए राजस्व व्यय वित्त वर्ष 2026 में 4.9 फीसदी बढ़कर 3.12 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2025 के संशोधित अनुमान में 2.97 लाख करोड़ रुपये रहने की बात कही गई है। वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक राजस्व व्यय वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 2.3 फीसदी और बजट अनुमान से 5.1 फीसदी अधिक था।
पारस डिफेंस ऐंड स्पेस टेक्नोलॉजीज, कोचीन शिपयार्ड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स के शेयर हालिया तेजी के दौर में 10 से 20 फीसदी के बीच बढ़े हैं। पिछले महीने के निचले स्तर से निफ्टी डिफेंस सूचकांक करीब 50 फीसदी चढ़ा है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती दुश्मनी के मद्देनजर रक्षा क्षेत्र के शेयर निवेशकों के रडार पर आ गए हैं।
ओम्नीसाइंस कैपिटल में कार्यकारी उपाध्यक्ष और वरिष्ठ पोर्टफोलियो मैनेजर अश्विनी शमी ने कहा, ‘चीन और पाकिस्तान की रक्षा प्रणालियों के खिलाफ भारत निर्मित रक्षा प्रणालियों के सफल प्रदर्शन से दीर्घावधि में भारत निर्मित रक्षा उपकरणों की मांग बढ़ने की संभावना है।’ बीते एक साल में डिफेंस सूचकांक लगभग तीन गुना बढ़ गया है जबकि इस अवधि में निफ्टी में 11.2 फीसदी की वृद्धि हुई है।