सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्युचुअल फंड्स में निवेश का सबसे आसान और पसंदीदा विकल्प बन गया है। एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि जैसे-जैस बाजार मैच्योर हो रहा है और फाइनेंशियल लिटरेसी बढ़ रही है, वैसे-वैसे SIP पर रिटले निवेशकों का भरोसा मजबूत होता जा रहा है। इसी का नतीजा है कि नवंबर में एक बार फिर SIP के जरिये निवेश रिकॉर्ड स्तर के करीब बने रहे। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने SIP इनफ्लो 29,445 करोड़ रुपये रहा। हालांकि यह आंकड़ा अक्टूबर के रिकॉर्ड 29,529 करोड़ रुपये से थोड़ा कम था। अब सवाल है कि वे कौन-से फैक्टर्स हैं, जो रिटेल निवेशकों को लुभा रहे हैं। आइए इन फैक्टर्स पर करीब से एक नजर डालते हैं…
नंवबर में SIP के जरिये 29,445 करोड़ रुपये का निवेश आया। मासिक आधार (MoM) पर देखें तो इसमें 0.3 फीसदी की मामूली गिरावट आई, लेकिन सालाना आधार (YoY) पर SIP इनफ्लो में 21.7 फीसदी की मजबूत ग्रोथ दर्ज की गई।
AMFI के चीफ एग्जीक्यूटिव वेंकट चलसानी के अनुसार, इस महीने SIP में आई थोड़ी कमी सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि महीने के आखिरी दिन वीकेंड पर पड़े। इसकी वजह से कुछ निवेश की राशि दिसंबर की शुरुआत में चली गई। इसे किसी तरह की मंदी या निवेश कम होने का संकेत नहीं माना जाना चाहिए।
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महीने के दौरान 57.14 लाख नए SIP शुरू किए गए, जबकि 43.19 लाख SIP बंद हुए या अपनी अवधि पूरी कर चुके थे। इसके आधार पर स्टॉपेज रेशियो 75.56% रहा।
नवंबर में एक्टिव SIP खातों की संख्या 9.43 करोड़ रही, जो अक्टूबर के 9.45 करोड़ से थोड़ी कम है। महीने के दौरान SIP के तहत एसेट अंडर मैनजमेंट (AUM) बढ़कर 16.53 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
नवंबर में SIP इनफ्लो 29,445 करोड़ रुपये रहा, जो अक्टूबर के रिकॉर्ड ₹29,529 करोड़ से थोड़ा कम है। अप्रैल से नवंबर तक कुल मिलाकर SIP इनफ्लो में लगभग 10.56% की वृद्धि हुई है, जो दिखाता है कि साल के दौरान खुदरा निवेशकों की भागीदारी मजबूत रही। कुल मिलाकर इनफ्लो में मामूली उतार-चढ़ाव के बावजूद रुझान पॉजिटव है और SIP पर भरोसा बना हुआ है।
| महीना | SIP निवेश (₹ करोड़ में) |
|---|---|
| April | 26,632 |
| May | 26,688 |
| June | 27,269 |
| July | 28,464 |
| August | 28,265 |
| September | 29,361 |
| October | 29,529 |
| November | 29,445 |
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम कहते हैं, “SIP की लोकप्रियता फाइनेंशियल लिटरेसी, आसान फिनटेक ऐप्स, बाजार की मजबूती, अनुशासित निवेश, रुपये की औसत लागत, कंपाउंडिंग और निवेश में लचीलेपन के कारण तेजी से बढ़ी है।”
बढ़ती फाइनेंशियल लिटरेसी: सोशल मीडिया, यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म पर निवेश और ट्रेडिंग की जानकारी बढ़ने से ज्यादा लोग SIP में निवेश करने लगे हैं। AMFI, वित्तीय संस्थानों और अन्य संगठनों के अभियान से लोगों, खासकर युवा निवेशकों और छोटे शहरों में रहने वालों की वित्तीय जानकारी और समझ बढ़ी है।
डिजिटल बदलाव और फिनटेक का बढ़ना: ज़ेरोधा कॉइन, ग्रो, अपस्टॉक्स जैसी आसान और यूजर-फ्रेंडली ऐप्स ने SIP में निवेश को बहुत आसान बना दिया है।
शेयर बाजार का मजबूत प्रदर्शन: भारतीय शेयर बाजार की मजबूती ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है, जिससे म्युचुअल फंड वेल्थ बनाने का भरोसेमंद तरीका बनकर उभरा है।
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अनुशासित निवेश: SIP से लोग नियमित रूप से निवेश करने की आदत डालते हैं, जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है।
रुपी-कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा: SIP के जरिए जब बाजार नीचे होता है, तो ज्यादा यूनिटें मिलती हैं। इससे कुल मिलाकर प्रति यूनिट की औसत कीमत कम हो जाती है।
कंपाउंडिंग की पावर: SIP में लगाया गया पैसा समय के साथ कंपाउंडिंग (ब्याज पर ब्याज) की ताकत से तेजी से बढ़ता है।
लचीलापन और सुविधा: SIP में निवेश की राशि, समय और अवधि आसानी से बदली जा सकती है, इसलिए यह हर तरह के निवेशकों के लिए बेहतर है।
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रिटेल निवेशकों के लिए SIP लॉन्ग टर्म में वेल्थ बनाने का सबसे पंसदीदा टूल बन गई है। मिरे असेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के हेड (डिस्ट्रीब्यूशन और स्ट्रेटेजिक अलायंस) सुरंजना बोरठाकुर ने कहा, “एक बार फिर SIP इनफ्लो मजूबत रहा। यह दिखाता है कि आम निवेशक अब ज्यादा समझदारी और अनुशासन के साथ नियमित रूप से निवेश कर रहे हैं। SIP में लगातार आ रहा पैसा एक अच्छा संकेत है और बताता है कि बाजार ऊपर-नीचे हो तो भी लंबे समय तक निवेश बनाए रखना जरूरी है ताकि अच्छी संपत्ति तैयार हो सके।”
अविसा वेल्थ क्रिएटर्स के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर आदित्य अग्रवाल ने कहा कि SIP में जो लगभग रिकॉर्ड स्तर का पैसा आया है, वह दिखाता है कि आम लोग लगातार निवेश कर रहे हैं। इससे यह भी पता चलता है कि वे लंबे समय में धीरे-धीरे पैसा बढ़ाने पर भरोसा कर रहे हैं और अनुशासन के साथ निवेश जारी रख रहे हैं।