शेयर बाजार में तेज गिरावट के बावजूद इक्विटी म्युचुअल फंड (MF) योजनाओं में अक्टूबर महीने के दौरान शुद्ध निवेश 22 फीसदी बढ़कर सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अक्टूबर में इन योजनाओं में 41,887 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया गया है। इससे पहले जून 2024 में इक्विटी एमएफ में किसी महीने में सबसे ज्यादा 40,608 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार में गिरावट के बीच खरीदारी का अवसर देखते हुए निवेशकों ने एकबारगी इक्विटी एमएफ में निवेश किया है जिससे इस सेगमेंट में रिकॉर्ड निवेश हुआ है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में एसोसिएट डायरेक्टर (मैनेजर रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘अक्टूबर महीने के दौरान बाजार में आई गिरावट ने निवेशकों को निवेश का अच्छा अवसर प्रदान किया है। इक्विटी एमएफ सेगमेंट में लगातार 44वें महीने शुद्ध निवेश दर्ज किया गया।’
म्युचुअल फंड उद्योग के निकाय एम्फी की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में इस दौरान 25,323 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश हुआ जबकि नए फंड ऑफर (NFO) में 4,047 करोड़ रुपये का निवेश आया।
कोटक एएमसी में सेल्स, मार्केटिंग एवं डिजिटल बिजनेस के नैशनल हेड मनीष मेहता ने कहा, ‘क्षेत्रवार श्रेणी में एनएफओ की बदौलत शुद्ध बिक्री के आंकड़े मजबूत रहे। लार्जकैप आधारित योजनाओं में निवेश बना रहा। वितरक निवेशकों को लगातार सलाह दे रहे हैं कि बाजार में उठापटक के मद्देनजर एसआईपी और सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) तथा ज्यादा गिरावट के दिन एकमुश्त खरीद के जरिये बाजार में निवेश करना लाभकारी हो सकता है।’
लार्ज और फ्लेक्सी कैप फंड में कुल 8,633 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों में अक्टूबर में थोड़ा कम 8,455 करोड़ रुपये का निवेश आया।
कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमतर रहने और अमेरिकी चुनावों से पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली से अक्टूबर में शेयर बाजार में तेज गिरावट आई। निफ्टी 50 अक्टूबर में 6.2 फीसदी और सेंसेक्स 5.8 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ था।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी में कार्यकारी निदेशक और मुख्य बिजनेस अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘बाजार में अस्थिरता के बावजूद इक्विटी योजनाओं में शुद्ध निवेश प्रवाह जारी रखना घरेलू निवेशकों की दृढ़ता का प्रमाण है।’
एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी वेंकट चलसानी ने कहा कि मौजूदा रुझान निवेशकों में बढ़ती परिपक्वता को दर्शाता है। उद्योग संगठन के अनुसार एसआईपी खातों की संख्या पहली बार अक्टूबर में 10 करोड़ के पार पहुंच गई।