म्युचुअल फंड

म्युचुअल फंड लेनदेन में बढ़ रहा ‘ऑनलाइन’ दखल, ऑफलाइन निवेशक तेजी से हो रहे कम

रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल माध्यम से लेनदेन की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत रही थी मगर लेनदेन मूल्य के लिहाज से उनकी हिस्सेदारी 21 प्रतिशत ही रही

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सचिन मामपट्टा   
Last Updated- November 19, 2025 | 9:41 PM IST

कागज का फॉर्म भरने, म्युचुअल फंड (एमएफ) शाखाओं के चक्कर लगाने और निवेश के अन्य ऑफलाइन साधनों का उपयोग करने वाले निवेशकों की हिस्सेदारी अब बड़ी म्युचुअल फंड कंपनियों में कम होती जा रही है। 12-13 साल पहले हालात अलग थे जब ऐसी कवायद (ऑफलाइन माध्यम का इस्तेमाल) खूब हुआ करती थी। दूसरी तरफ डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है।

एचडीएफसी असेट मैनेजमेंट कंपनी की लेनदेन में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम की हिस्सेदारी सितंबर 2024 में 93 प्रतिशत थी जो सितंबर 2025 में बढ़कर 96 प्रतिशत हो गई। निप्पॉन इंडिया की सितंबर 2025 की निवेशक प्रस्तुति में बताया गया कि लेनदेन में डिजिटल की हिस्सेदारी अर्द्ध-वार्षिक हिस्सेदारी 75 प्रतिशत तक पहुंच गई है। कंपनी ने पिछले साल त्रैमासिक आंकड़े दिए थे जिनमें सितंबर 2024 में यह हिस्सेदारी 70 प्रतिशत थी। सितंबर 2023 के लिए अर्द्ध-वार्षिक आंकड़ों में डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी 56 प्रतिशत थी।

इस अवधि के दौरान यूटीआई म्युचुअल फंड में कुल सकल बिक्री के प्रतिशत के रूप में त्रैमासिक ऑनलाइन सकल बिक्री 2024 की इसी अवधि में 94.4 प्रतिशत से घटकर 89.52 प्रतिशत रह गई। लेकिन हाइब्रिड और इक्विटी योजनाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बिक्री पहले की 37.61 प्रतिशत से बढ़कर 41.27 प्रतिशत हो गई।

प्रत्येक परिसंपत्ति प्रबंधक कागज रहित या डिजिटल लेनदेन को अलग-अलग तरीके से परिभाषित कर सकता है और सभी फंड कंपनियों के इससे संबंधित आंकड़ों की तुलना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन मोटे तौर पर ये एक व्यापक रुझान का संकेत माने जा सकते हैं।

निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के अध्यक्ष और मुख्य कारोबारी अधिकारी सौगत चटर्जी ने कहा कि डिजिटल लेनदेन में कुछ वृद्धि न केवल ग्राहकों के बदलते व्यवहार के कारण हुई है बल्कि वितरकों एवं अन्य मध्यस्थों के व्यवहार में बदलाव की वजह से भी ऐसा हुआ है। पारंपरिक वितरकों के अलावा सब-ब्रोकर भी अब ट्रांजैक्शन के लिए तकनीक और एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर काफी हद तक निर्भर हो गए हैं। संपत्ति प्रबंधन कंपनियां मोबाइल ऐप में निवेश करती हैं जिनकी मदद से ग्राहकों के लिए लेनदेन करना अधिक सहूलियत भरा हो गया है।

एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवनीत मुनौत ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वितरण के माध्यम के रूप में वित्त-तकनीक (फिनटेक) में काफी प्रगति हुई है।

उन्होंने कहा, ‘फिनटेक म्युचुअल फंड उद्योग के लिए एक अहम माध्यम के रूप में उभरी हैं। उन्होंने निवेशकों तक पहुंच और कारोबार बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगर आप पिछले छह महीनों या उससे अधिक की अवधि पर नजर डालें तो चालू वित्त वर्ष में फिनटेक की मदद से 1.5 करोड़ एसआईपी रजिस्टर हुए हैं।’

वर्ष 2025 की शुरुआत में एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार डिजिटल माध्यम से संभवतः छोटे आकार के निवेश अधिक हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल माध्यम से लेनदेन की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत रही थी मगर लेनदेन मूल्य के लिहाज से उनकी हिस्सेदारी 21 प्रतिशत ही रही।

First Published : November 19, 2025 | 9:36 PM IST