facebookmetapixel
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है फाइनल, अधिकारी कानूनी दस्तावेज तैयार करने में जुटेसरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा! इस राज्य सरकार ने DA-DR बढ़ाने का किया ऐलान, जानें डिटेलऑफिस किराए में जबरदस्त उछाल! जानें, दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु – किस शहर में सबसे तेज बढ़े दाम?HUL vs Nestle vs Colgate – कौन बनेगा FMCG का अगला स्टार? जानें किस शेयर में है 15% तक रिटर्न की ताकत!EPF खाताधारकों को फ्री में मिलता है ₹7 लाख का कवर! जानें इस योजना की सभी खासियतPiyush Pandey Demise: ‘दो बूंद जिंदकी की…’ से लेकर ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ तक, पीयूष पांडे के 7 यादगार ऐड कैम्पेनदिवाली के बाद किस ऑटो शेयर में आएगी रफ्तार – Maruti, Tata या Hyundai?Gold Outlook: जनवरी से फिर बढ़ेगा सोना! एक्सपर्ट बोले- दिवाली की गिरावट को बना लें मुनाफे का सौदाGold ETF की नई स्कीम! 31 अक्टूबर तक खुला रहेगा NFO, ₹1000 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसाब्लैकस्टोन ने खरीदी फेडरल बैंक की 9.99% हिस्सेदारी, शेयरों में तेजी

बाजार में तेजी फिर भी इक्विटी म्युचुअल फंड में घट रहा निवेश, मई में 13 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा इनफ्लो

भले ही शुद्ध निवेश कम रहा, लेकिन बाजार में आई रिकवरी से हुए मार्क-टू-मार्केट लाभ के कारण म्युचुअल फंड उद्योग द्वारा प्रबंधित कुल संपत्ति (AUM) में अच्छी बढ़ोतरी हुई।

Last Updated- June 10, 2025 | 8:54 PM IST
Mutual Fund

इक्विटी म्युचुअल फंड स्कीम्स में नेट इनफ्लो मई में लगातार पांचवें महीने गिरकर ₹19,013 करोड़ पर आ गया, जो 13 महीनों में सबसे निचला स्तर है। यह तब हुआ जब सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से ग्रॉस इनफ्लो रिकॉर्ड ₹26,688 करोड़ के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। नेट इनफ्लो में यह गिरावट मुख्य रूप से मासिक आधार पर रिडेम्पशन (पैसा निकालने) में 16% की वृद्धि के कारण हुई। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, निवेशकों ने मई में ₹37,591 करोड़ निकाले, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार, ज्यादा निकासी भू-राजनीतिक और व्यापारिक अनिश्चितताओं के बीच मुनाफावसूली के कारण हुई।

सुस्ती के लिए कई कारक जिम्मेदार

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर – मैनेजर रिसर्च, हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, “सुस्ती के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है: अप्रैल की तुलना में मई में इक्विटी बाजार में कम तेजी, दुनिया भर की आर्थिक चुनौतियों को लेकर भी चिंताएं थीं। पिछले कुछ महीनों में शेयरों की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ी थीं और वे काफी महंगे हो गए थे। इसलिए अब निवेशक थोड़ा ठहर कर मुनाफावसूली कर रहे हैं या बाजार एक स्थिरता के दौर से गुजर रहा है।” विशेषज्ञों के अनुसार, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और वैश्विक बाजार की बढ़ती अस्थिरता ने भी इसमें भूमिका निभाई होगी।

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी कहते हैं, “इक्विटी की शुद्ध बिक्री में तेज गिरावट मुख्य रूप से अधिक रिडेम्पशन (पैसे निकालने) के कारण हुई है। यह शायद महीने शुरुआत में युद्ध जैसी स्थिति के कारण था, जिससे निवेशकों का रुझान बदल गया और उन्होंने सतर्क रुख अपनाया।”

Also read: Debt Funds: मई में डेट फंड्स को लगा ₹15,908 करोड़ का झटका, जानें क्यों निवेशकों ने निकाले पैसे और कहां लगा रहे हैं नया दांव

बाजार में लगातार तीसरे महीने सुधार

मई में इक्विटी बाजार में लगातार तीसरे महीने सुधार देखा गया, जिसमें बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स 1.7% चढ़ा। विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ निवेशक जिन्होंने बाजार के शिखर के करीब निवेश किया था, वे इस सुधार का उपयोग बाहर निकलने के लिए कर सकते हैं।

शेयर.मार्केट के निवेश उत्पाद प्रमुख, नीलेश डी नाइक ने कहा, “कई निवेशक अपनी पिछली उच्चतम वैल्यू से काफी नीचे जाने पर आमतौर पर रिडेम्पशन (पैसे निकालने) से बचते हैं – यह ‘एंकरिंग बायस’ (पिछले अनुभवों से प्रभावित होने का झुकाव) से प्रभावित होता है।” उन्होंने आगे कहा, “जैसे ही बाजार मार्च से रिकवर होना शुरू हुआ, रिडेम्प्शन धीरे-धीरे बढ़ गए हैं। यदि बाजार मजबूत बना रहता है, तो हम इस प्रवृत्ति को एक और महीने तक देख सकते हैं, लेकिन मजबूत बाजार धारणा के बाद ग्रॉस फ्लो में वृद्धि हो सकती है, जिससे अनुपात सामान्य हो जाएगा।”

रिडेम्पशन (पैसे निकालने) में बढ़ोतरी के बावजूद, रिकॉर्ड SIP इनफ्लो के चलते नए निवेश स्थिर बने रहे। SIP के जरिए निवेश मामूली बढ़कर ₹26,688 करोड़ के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया।

Also read: SIP Inflow: निवेशकों का रुझान बरकरार, मई में इनफ्लो ₹26,688 करोड़ के ऑल टाइम हाई पर

म्युचुअल फंड उद्योग का AUM ₹70 लाख करोड़ के पार

भले ही शुद्ध निवेश कम रहा, लेकिन बाजार में आई रिकवरी से हुए मार्क-टू-मार्केट लाभ के कारण म्युचुअल फंड उद्योग द्वारा प्रबंधित कुल संपत्ति (AUM) में अच्छी बढ़ोतरी हुई।

एम्फी (AMFI) के मुख्य कार्यकारी, वेंकट एन चलासानी ने कहा, “म्युचुअल फंड उद्योग ने ₹70 लाख करोड़ की प्रबंधनाधीन संपत्ति (AUM) को पार कर लिया है, जो मजबूत खुदरा भागीदारी और लगातार SIP फ्लो के कारण नए उच्च स्तर पर पहुंच गया है। SIP की वृद्धि विशेष रूप से उत्साहजनक है, जो अनुशासित, दीर्घकालिक निवेश की ओर बदलाव का संकेत देती है।”

प्रमुख इक्विटी फंड कैटेगरी में, सबसे तेज गिरावट लार्ज-कैप फंड में देखी गई, जिसमें निवेश आधे से भी कम होकर ₹1,250 करोड़ रह गया। मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों में इनफ्लो क्रमशः 15% और 20% गिरकर ₹2,809 करोड़ और ₹3,214 करोड़ हो गया।

First Published - June 10, 2025 | 8:49 PM IST

संबंधित पोस्ट