facebookmetapixel
2025 में सोना 65% चढ़ा, स्मॉल-कैप शेयर गिरे; स्मॉलकेस मैनेजर बोले- भीड़ के पीछे भागे तो हो सकता है नुकसानमोनार्क ने उतारी पहली PMS स्कीम, लॉन्ग-टर्म वैल्यू क्रिएशन पर फोकसडिफेंस स्टॉक देगा 25% रिटर्न! मोतीलाल ओसवाल ने शुरू की कवरेज; कहा- बड़े ऑर्डर्स से ग्रोथ को मिलेगी रफ़्ताररिकॉर्ड गिरावट के बाद भी क्यों नहीं लौट रही रुपये में मजबूती?Gujarat Kidney IPO: ₹250 करोड़ का इश्यू खुलने को तैयार, प्राइस बैंड ₹108–114; निवेश से पहले जानें जरुरी डिटेल्सट्रंप ने सीरिया और साउथ सूडान समेत 5 और देशों पर लगाया यात्रा प्रतिबंधICICI Prudential AMC IPO allotment: आज फाइनल होगा शेयरों का अलॉटमेंट, जानें कितने रुपये पर हो सकती है लिस्टिंगPark Medi World IPO ने निवेशकों को किया निराश, शेयर 4% डिस्काउंट पर लिस्ट; GMP अनुमान से चूकाIT शेयर अभी सस्ते, AI की रिकवरी से आ सकता है बड़ा उछाल; मोतीलाल ओसवाल ने चुने ये 4 स्टॉक्सइंडिगो संकट ने हिलाया विमानन क्षेत्र, भारत के विमानन क्षेत्र में बढ़ी प्रतिस्पर्धा की बहस

REITs और InvITs में म्युचुअल फंड निवेश सीमा बढ़ाने की तैयारी, SEBI ने मांगी राय

31 दिसंबर, 2024 तक म्युचुअल फंडों के पास 20,087 करोड़ रुपये के रीट्स और इनविट्स थे,

Last Updated- April 18, 2025 | 8:50 AM IST
Jio BlackRock Mutual Fund
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गुरुवार को जारी परामर्श पत्र में रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट्स) और इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट (इनविट्स) में म्युचुअल फंडों (एमएफ) के लिए निवेश सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इस कदम का मकसद म्युचुअल फंड योजनाओं के लिए ज्यादा विविधता वाले अवसर मुहैया कराना है। साथ ही अपेक्षाकृत नए निवेश साधनों में पूंजी प्रवाह और तरलता को बढ़ाना है।

अभी सेबी के नियमों के तहत रीट्स और इनविट्स में म्युचुअल फंड निवेश की सीमा किसी योजना के शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) के 10 फीसदी तक सीमित है जबकि किसी एकल जारीकर्ता कंपनी में यह सीमा अधिकतम 5 फीसदी है। वैश्विक स्तर पर, रीट्स और इनविट्स को अक्सर इक्विटी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और एमएससीआई इंडिया स्मॉल कैप इंडेक्स और एफटीएसई इंडिया इंडेक्स जैसे सूचकांकों में शामिल किया जाता है।

हालांकि, सेबी की म्युचुअल फंड सलाहकार समिति और एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) वर्तमान में उन्हें उनकी अनूठी नकदी प्रवाह संरचनाओं और मूल्यांकन विधियों के कारण हाइब्रिड साधन के रूप में देखते हैं। बाजार नियामक ने आम लोगों और उद्योग जगत से टिप्पणियां मांगी हैं कि क्या रीट्स और इनविट्स को इक्विटी के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए और इस प्रकार फंड निवेश के लिए इक्विटी सूचकांकों में शामिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इसके अलावा, सेबी ने फंड के एनएवी के 5 फीसदी से 10 फीसदी तक एकल जारीकर्ता कंपनी में सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इसके अतिरिक्त रीट्स और इनविट्स के लिए 10 फीसदी की समग्र जोखिम सीमा को इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं के लिए 20 फीसदी तक संशोधित किया जा सकता है। सेबी ने कहा, हालांकि ऋण योजनाओं के लिए इसे 10 फीसदी तक सीमित रखा जा सकता है, क्योंकि रीट्स और इनविट्स ऋण साधनों की तुलना में अपेक्षाकृत ज्यादा जोखिमपूर्ण हैं।

वर्तमान में स्टॉक एक्सचेंजों पर चार रीट्स और 17 इनविट्स सूचीबद्ध हैं। एक और इनविट्स जल्द ही सूचीबद्ध होने वाला है। हालांकि, आठ इनविट्स के अलावा अन्य में कोई ट्रेडिंग नहीं हुई है। 31 दिसंबर, 2024 तक म्युचुअल फंडों के पास 20,087 करोड़ रुपये के रीट्स और इनविट्स थे, जिसमें इक्विटी योजनाओं का औसत निवेश 2.1 फीसदी, ऋण योजनाओं का औसत निवेश 3.7 फीसदी और हाइब्रिड योजनाओं का निवेश 2.4 फीसदी था।

First Published - April 17, 2025 | 10:16 PM IST

संबंधित पोस्ट