डीएसपी म्युचुअल फंड (DSP Mutual Fund) ने अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड टाइगर में एकमुश्त निवेश को लेकर निवेशकों को चेताया है क्योंकि बाजार के विभिन्न सेगमेंट में मूल्यांकन बढ़ा है, जहां वह रकम का निवेश करता है।
फंड हाउस ने कहा कि लंबी अवधि में मजबूत रिटर्न की संभावना के बावजूद यह थीम रुक-रुककर गिरावट की संभावना वाला है क्योंकि मूल्यांकन को लेकर सहजता नहीं है।
डीएसपी एमएफ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) कल्पेन पारिख ने कहा, हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करते हैं लेकिन हम मूल्यांकन को नियंत्रित नहीं कर सकते। निवेशकों के पास विकल्प है और वह है एसआईपी।
उन्होंने कहा कि निवेशक अक्सर उस थीम में निवेश करते हैं जो पहले ही उच्च रिटर्न दे चुका होता है और इससे उन्हें भविष्य में कमजोर अनुभव का सामना करना पड़ता है।
फंड हाउस ने अपने ऑनलाइन पोर्टल पर उन निवेशकों के लिए के लिए एक बैनर लगाया है, जो टाइगर फंड (Tiger Fund) में निवेश पर विचार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया है, यह काफी जोखिम भरा सेक्टोरल थीम है और विगत में काफी बढ़ोतरी व गिरावट का दौर देखा है। हम अल्पावधि में होने वाले उतारचढ़ाव का सामना करने के लिए तैयार रहने की सलाह देते हैं और लंबी अवधि के लिहाज से सुदृढ़ बनाने के लिए खुद को प्रशिक्षित करने की भी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग थीम पिछले एक साल में उम्दा प्रदर्शन करने वाला रहा है क्योंकि रेलवे, रक्षा और इंडस्ट्रियल्स के शेयरों में इस दौरान तेज उछाल देखने को मिली है। कुछ फंड हाउस ने हाल के महीनों में इन श्रेणियों में योजनाएं पेश की हैं।
बीएसई इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर टीआरआई इंडेक्स एक साल में 116 फीसदी चढ़ा है। मैन्युफैक्चरिंग थीम वाले फंडों ने भी करीब 70 फीसदी का रिटर्न दिया है। डीएसपी टाइगर फंड ने 80 फीसदी का रिटर्न दिया है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ एचडीएफसी डिफेंस फंड और कुछ पीएसयू योजनाओं ने एक साल की अवधि में ऊंचा रिटर्न दिया है।
रिटर्न के चार्ट पर सबसे ऊपर वाले फंडों व थीम में सामान्य तौर पर ज्यादा निवेश आता है क्योंकि निवेशकों का एक वर्ग फंडों के चयन के समय पिछले रिटर्न पर नजर डालता है। पिछले कुछ महीनों में स्मॉलकैप फंड खबरों में थे क्योंकि विगत के मजबूत प्रदर्शन के कारण उसने रिकॉर्ड निवेश हासिल किया जबकि मूल्यांकन को लेकर बुलबुले का मामला था।
लंबी अवधि के परिदृश्य पर डीएसपी एमएफ ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के बाजार का आकार कई गुना बढ़कर वित्त वर्ष 24 के 459 अरब डॉलर से वित्त वर्ष 2034 में 1.66 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच सकता है।
डीएसपी एमएफ ने एक विज्ञप्ति में कहा, यह वृद्धि पिछले दशक में हुई औसतन 175 अरब डॉलर की बढ़त को पीछे छोड़ता है। इसके अतिरिक्त जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान वित्त वर्ष 24 के 14 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2034 में 21 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है, जिसे कम लॉजिस्टिक्स लागत व सुधरे हुए बुनियादी ढांचे से मजबूती मिलेगी।