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68% रिटेल निवेशक अब पैसिव फंड्स में कर रहे हैं निवेश, मोतीलाल ओसवाल एमएफ सर्वे का खुलासा

पैसिव इंडस्ट्री का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹12.2 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो 2019 के ₹1.91 लाख करोड़ से 6.4 गुना ज्यादा है।

Last Updated- October 06, 2025 | 8:54 PM IST
Mutual Fund
Representational Image

भारत में पैसिव म्यूचुअल फंड्स अब रिटेल निवेशकों की पहली पसंद बनकर उभरे हैं। मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड (MOMF) के हालिया सर्वे में यह खुलासा हुआ है। MOMF ने सोमवार को पैसिव सर्वे 2025 का तीसरा संस्करण जारी किया। सर्वे के मुताबिक, 68 फीसदी निवेशकों ने कम से कम एक पैसिव फंड में निवेश किया है। 2023 में यह आंकड़ा करीब 61 फीसदी था। हालांकि, इस ग्रोथ के बावजूद एक तिहाई निवेशक ए​क्टिव फंड्स में ज्यादा भरोसा या पैसिव प्रोडक्ट्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने का हवाला देते हुए इससे बाहर ही रहते हैं।

मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड की ओर से अगस्त-सितंबर 2025 में किए गए इस सर्वे में देशभर के 3000 से ज्यादा निवेशकों और 120 से ज्यादा वितरक (एमएफ वितरक, RIA, और वेल्थ मैनेजर) की राय शामिल की गई।

पैसिव इंडस्ट्री का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹12.2 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो 2019 के ₹1.91 लाख करोड़ से 6.4 गुना ज्यादा है। यह ग्रोथ करीब 36% CAGR रही। मार्च 2023 के बाद महज दो सालों में ही AUM 1.7 गुना बढ़ चुका है (करीब 26% CAGR), जो पैसिव निवेश के तेजी से अपनाए जाने को दर्शाता है। सर्वे में शामिल निवेशकों में 76% को इंडेक्स फंड या ETFs के बारे में जानकारी थी।

क्यों चुन रहे हैं पैसिव फंड

सर्वे के मुताबिक, निवेशकों ने कम लागत (54%), डायवर्सिफिकेशन (46%), सरलता और पारदर्शिता (46%) और परफॉर्मेंस (29%) को पैसिव फंड्स को चुनने के दौरान प्रमुख वजह बताया है।

वितरक सर्वे में भी यही रुझान देखने को मिला है। सर्वे में शामिल 93% वितरक पैसिव फंड्स को समझते हैं, जिनमें से लगभग 46% ने गहरी समझ दिखाई है और लगभग 70% ने उन्हें अपने कस्टमर्स के पोर्टफोलियो में शामिल किया है। ज्यादातर वितरक (93%) वित्त वर्ष 2025-26 में पैसिव आवंटन को कम से कम 5% तक बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल, उनके 70% कस्टमर्स के पास तीन से कम पैसिव फंड हैं, जो यह दिखाता है कि पैसिव निवेश पोर्टफोलियो में एक अहम रोल निभाता है।

सर्वे के नतीजों पर मोतीलाल ओसवाल एएमसी के प्रमुख (पैसिव बिजनेस) प्रतीक ओसवाल ने कहा कि भारत में पैसिव स्ट्रैटेजी ने हाल के वर्षों में तेजी से विकास किया है। अब यह केवल कुछ पोर्टफोलियो का हिस्सा नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर निवेशकों की ओर से अपनाया जा रहा है। निवेशक अब फैक्टर-बेस्ड फंड और इनोवेटिव पैसिव स्ट्रैटेजी को भी अपनाने लगे हैं। लंबे समय में व्यवस्थित तरीके से वेल्थ क्रिएशन के लिए पैसिव निवेश अहम हो रहा है।

पैसिव सर्वे 2025 की अन्य प्रमुख बातें

निवेशक (Investors)

निवेश के मकसद और व्यवहार

  • भारतीय निवेशकों के लिए निवेश का खास मकसद फाइनैंशल फ्रीडम (61%) है, इसके बाद रिटायरमेंट प्लानिंग (49%) और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन (31%) आते हैं।
  • 85% निवेशक अपनी निवेश राशि तीन साल से ज्यादा समय तक बनाए रखते हैं, जबकि 13% निवेशक एक से तीन साल और केवल 2% निवेशक एक साल से कम के लिए निवेश करते हैं।
  • निवेश शैली के लिहाज से, 57% निवेशक SIP और लंपसम का मिक्स पसंद करते हैं, 26% केवल SIP, और 17% केवल लंपसम निवेश को प्राथमिकता देते हैं।

जानकारी के स्रोत और मीडियम

  • 52% निवेशक जानकारी के लिए फाइनैंशल वेबसाइट पर भरोसा करते हैं। इनमें 38 फीसदी अखबारों पर, 29 फीसदी सोशल मीडिया पर और 18 फीसदी टीवी पर दी जानकारी को भरोसेमंद मानते हैं। लेन-देन के लिए डिजिटल माध्यम सबसे लोकप्रिय हैं। 60% निवेशक ऑनलाइन ऐप, 39% म्यूचुअल फंड वेबसाइट, 15% वित्तीय सलाहकार, और 5% बैंकिंग पार्टनर के जरिए निवेश करते हैं।

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पैसिव फंड का निवेश

  • पैसिव निवेशकों में से 57% के पास 1 से 3 पैसिव फंड, 26% के पास 3 से 5 फंड, और 17% के पास 5 से ज्यादा फंड हैं।
    प्रोडक्ट की प्राथमिकता के हिसाब से देखें तो 49% निवेशक इंडेक्स फंड और ETF दोनों में निवेश करते हैं, 34% केवल इंडेक्स फंड में और 16% केवल ETF में पैसा लगाते हैं।
  • ब्रॉड-बेस्ड इक्विटी निवेश का मुख्य आधार है। 79% इंडेक्स फंड निवेशक और 62% ETF निवेशक इसमें निवेश करते हैं।
    इसके बाद कमोडिटीज (इंडेक्स फंड 37%, ETF 61%), सेक्टोरल या थीमैटिक फंड (इंडेक्स फंड 34%, ETF 33%), और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी (इंडेक्स फंड 26%, ETF 32%) आते हैं।

स्मार्ट बीटा स्ट्रैटेजी

  • स्मार्ट बीटा निवेशों में सबसे लोकप्रिय स्ट्रैटेजी मोमेंटम (40%) है, इसके बाद क्वालिटी (37%) और वैल्यू (35%), जो पारंपरिक इंडेक्स से आगे बढ़कर निवेशकों की नियम-आधारित रणनीतियों में रुचि दिखाती हैं।

वितरक (Distributors)

जानकारी के स्रोत

  • वितरक मुख्य रूप से AMC कम्युनिकेशन चैनलों (वेबसाइट, ईमेल, व्हाट्सएप) पर निर्भर करते हैं (73%), इसके बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (71%)। पारंपरिक मीडिया (टीवी, अखबार) से 34%, सोशल मीडिया से 23%, और दोस्त व परिवार से 10% जानकारी हासिल करते हैं।

निवेशक मांग के रुझान

  • 54% वितरकों का कहना है कि मिलेनियल निवेशक पैसिव फंड में सबसे अधिक रुचि दिखा रहे हैं, जबकि Gen X उसके बाद आते हैं। यह दिखाता है कि ये वर्ग पैसिव निवेश को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

उत्पाद प्राथमिकताएं

  • 49% वितरक इंडेक्स फंड और ETF दोनों, 35% मुख्य रूप से इंडेक्स फंड, और 16% केवल ETF की पेशकश करना पसंद करते हैं।
  • 79% वितरक अपने ग्राहकों को ब्रॉड-बेस्ड इंडेक्स फंड और ETF मुख्य निवेश के रूप में सुझाते हैं, जबकि लगभग 48% सोना और चांदी जैसी कमोडिटीज को इक्विटी से आगे विविधता लाने के लिए शामिल करते हैं।

वैल्यूएशन के मानक

  • पैसिव फंड्स का वैल्यूएशन करते समय 68% वितरक ट्रैकिंग एरर को सबसे अहम मानते हैं। इसके बाद खर्च अनुपात (Expense Ratio) आता है। इससे यह साफ होता है कि वितरक सटीक इंडेक्स ट्रैकिंग और कॉस्ट इफी​शिएंसी को सबसे ज्यादा तरजीह देते हैं।

First Published - October 6, 2025 | 8:54 PM IST

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