भारतीय रिजर्व बैंक की रिटेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी प्रायोगिक परियोजना के तहत अभी तक करीब 7.70 लाख लेनदेन हुए हैं और इसके तहत इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों व मर्चेंट का आधार क्रमश: 50 हजार व 5 हजार है। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अब आरबीआई इसका दायरा बढ़ाने के लिए प्रायोगिक परियोजना में नौ और शहरों को जोड़ने पर विचार कर रहा है, जिसकी संख्या अभी पांच है। इसके अलावा परियोजना से पांच और बैंकों को जोड़ा जाएगा और धीरे-धीरे इसका विस्तार व्यवस्था में मौजूद सभी बैंकों तक कर दिया जाएगा। अभी आठ बैंक प्रायोगिक परियोजना में भागीदारी कर रहे हैं।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कुछ दिन पहले तक कुल लेनदेन की संख्या करीब 7.70 लाख थी। लेकिन ये छोटी वैल्यू वाले लेनदेन हैं, लिहाजा रकम बहुत ज्यादा नहीं है।
उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि केंद्रीय बैंक खुदरा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लेकर नपातुला तरीका अपना रहा है। हम चाहते हैं कि यह प्रक्रिया धीरे-धीरे आगे बढ़े। हम जल्दबाजी में कुछ नहीं चाहते। इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों व मर्चेंट को लेकर हमारे पास लक्ष्य है। हम इस पर धीरे-धीरे आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा, जैसा कि मैंने पहले कहा था, हम यह जाने बिना कि इसका संभावित असर क्या होगा, कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहते और क्या ऐसे असर का प्रबंधन हो सकता है या नहीं।
आरबीआई ने खुदरा सीबीडीसी पर प्रायोगिक परियोजना पिछले साल 1 दिसंबर को शुरू की थी। इसमें शामिल होने वाले आठ बैंक हैं एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक।