शुक्रवार को एनएचपीसी के 2,400 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) की कामयाबी सरकार के और विनिवेश का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। इस शेयर बिक्री में न सिर्फ मजबूत मांग नजर आई बल्कि पनबिजली कंपनी का शेयर द्वितीयक बाजार में भी उछला।
सरकार ने इसके तहत 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची है। यह अतीत के उस रुझान से उलट है जब सरकार के ओएफएस के बाद पीएसयू शेयरों में गिरावट देखने को मिलती थी। शनिवार को अन्य पीएसयू में खरीदारी के बीच एनएचपीसी के शेयरों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
एक बैंकर ने कहा कि सरकार के लिए अल्पांश हिस्सेदारी बेचने का यह सही वक्त है। उन्हें बेहतर मूल्यांकन मिलेगा और सरकारी स्वामित्व वाली प्रतिभूतियों की मांग भी मजबूत नजर आ रही है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हुई इकाई जियो फाइनैंशियल सर्विसेज में प्रवर्तक शेयरधारिता लगातार दूसरी तिमाही में बढ़ी है। दिसंबर तिमाही के आखिर में मुकेश अंबानी की अगुआई वाली फर्म में प्रवर्तक हिस्सा 47.12 फीसदी रहा जो सितंबर 2023 की तिमाही के 46.77 फीसदी के मुकाबले 35 आधार अंक ज्यादा है।
अगस्त 2023 में सूचीबद्धता के समय जियो फाइनैंशियल में प्रवर्तक हिस्सेदारी 45.8 फीसदी थी। बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि प्रवर्तकों की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी कंपनी की शेयर कीमत के लिए मददगार है जबकि कंपनी ने अभी पूरी तरह से अपना परिचालन शुरू नहीं किया है। इस महीने जियो फाइनैंशियल का शेयर छह फीसदी चढ़ा है और उसका मूल्यांकन अभी 1.57 लाख करोड़ रुपये है।
एग्रो प्रॉडक्ट कंपनी नोवा एग्रीटेक का ग्रे मार्केट प्रीमियम उसके 144 करोड़ रुपये के आईपीओ से पहले करीब 50 फीसदी है। इस बीच होम अप्लायंस कंपनी ईपैक ड्यूरेबल का जीएमपी अपेक्षाकृत काफी कम यानी 13 फीसदी है।
ईपैक के 640 करोड़ रुपये के आईपीओ में 400 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हो रहे हैं, वहीं नोवा की योजना अपनी शेयर बिक्री से 112 करोड़ रुपये जुटाने की है। ईपैक का आईपीओ मंगलवार को बंद होगा जबकि नोवा का उसी दिन खुलेगा। आईपीओ कीमत पर ईपैक का मूल्यांकन 2,200 करोड़ रुपये है और नोवा का 380 करोड़ रुपये।