बाजार नियामक सेबी डेरिवेटिव सेगमेंट में नए शेयरों को शामिल करने के मामले में सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह है अत्यधिक सटोरिया गतिविधियों को लेकर चिंता। बाजार के प्रतिभागियों के मुताबिक करीब दो साल पहले यानी जनवरी 2022 में वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) बाजार में कुछ कंपनियों को शामिल किया गया था।
पात्रता के ज्यादातर मानदंडों को पूरा करने के बावजूद कई बड़ी कंपनियां मसलन जोमैटो, एवेन्यू सुपरमार्ट्स और जियो फाइनैंशियल सर्विसेज को अभी तक एफऐंडओ सेगमेंट में कारोबार की इजाजत नहीं मिली है। इसके परिणामस्वरूप ये शेयर बेंचमार्क नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी इंडेक्स में शामिल नहीं किए जा सकते।
निफ्टी इंडेक्स का हिस्सा बनने के लिए किसी शेयर की डेरिवेटिव में ट्रेडिंग अनिवार्य होती है। बाजार पर नजर रखने वालों का मानना है कि यह गतिरोध जल्द खत्म होगा क्योंकि इन कंपनियों को लंबे समय तक इंडेक्स से बाहर नहीं रखा जा सकता।
बाजार के प्रतिभागियों का अनुमान है कि जीडीपी के उम्मीद से बेहतर आंकड़े और अमेरिका में महंगाई में नरमी से बाजार की सकारात्मक चाल बेंचमार्क निफ्टी-50 को 22,700 के पार ले जा सकती है। शनिवार के विशेष सत्र में यह इंडेक्स 22,378 की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ और इस तरह से लगातार तीसरी साप्ताहिक बढ़त दर्ज हुई।
स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि दो महीने की एकीकरण की अवधि के बाद निफ्टी तेजी की अपनी रफ्तार बहाल कर रहा है। तात्कालिक लक्ष्य 22,500 का है और अगला लक्ष्य है 22,750 का। गिरावट की बात करें तो 22,200-22,000 अब मांग वाले मजबूत जोन के तौर पर काम करेगा।
इस हफ्ते बाजार में उतरने जा रहे तीन आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) का ग्रे मार्केट प्रीमियम 20 से 30 फीसदी के बीच है। इनमें गोपाल स्नैक्स (आईपीओ आकार 650 करोड़ रुपये) का जीएमपी सबसे ज्यादा 30 फीसदी है, वहीं आरके स्वामी (424 करोड़ रुपये) और जेजी केमिकल्स (252 करोड़ रुपये) का जीएमपी करीब 20-20 फीसदी है।
पिछले हफ्ते बाजार में आए तीन आईपीओ का जीएमपी 50 से 110 फीसदी के बीच था। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि स्मॉलकैप में मुनाफावसूली और बाजार नियामक के सतर्कता भरे कदमों के कारण प्रीमियम की उम्मीद कम ही है।