प्रतिभूति एवं अपील पंचाट (सैट) को पीठासीन अधिकारी (पीओ) के रूप में नए न्यायिक सदस्य की नियुक्ति का इंतजार है। दिसंबर 2018 में सैट में नियुक्त किए गए न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल ने पिछले सप्ताह विदाई ली है। अगस्त 2023 में वित्त मंत्रालय ने पीओ का पद भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे।
अपने कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति अग्रवाल ने एनएसई कोलोकेशन, कार्वी स्टॉकब्रोकिंग और कई अन्य मामलों पर महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। हालांकि बड़ी कंपनियों की कई अन्य अपीलें पंचाट के समक्ष लंबित हैं।
सैट वैधानिक निकाय है, जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) तथा पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के आदेशों के खिलाफ अपील सुनता और उनका निपटान करता है। मुंबई में सैट का केवल एक पीठ है। पीठासीन अधिकारी के पद पर सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश या उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है।
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बाजार में तेजी के बीच दिसंबर में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) फाइलिंग ने जोर पकड़ा। दिसंबर में 10 कंपनियों ने बाजार नियामक सेबी के पास अपने निर्गम के दस्तावेज दाखिल किए, जबकि नवंबर में केवल दो कंपनियों ने निर्गम के दस्तावेज जमा किए थे। जिन कंपनियों ने अपने डीआरएचपी दाखिल किए हैं, उनमें ओला इलेक्ट्रिक, ब्रेनबीज सॉल्यूशंस, एमक्योर फार्मास्युटिकल्स और ग्रेटेक्स शेयर ब्रोकिंग शामिल हैं।
मिडकैप और स्मॉलकैप क्षेत्र में शानदार प्रतिफल और पिछले साल नए सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिफल आईपीओ लाने वाली कंपनियों को अपनी किस्मत आजमाने का भरोसा प्रदान कर रहा है। साल 2023 में निफ्टी के 20 प्रतिशत लाभ की तुलना में, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमशः 46.6 प्रतिशत और 55.6 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है तथा पिछले 59 आईपीओ के मामले में सूचीबद्धता वाले दिन की औसत बढ़त 26.3 प्रतिशत रही।
एक बैंकर ने कहा कि जब प्रवाह मजबूत हो, सूचकांक चरम पर पहुंच गया हो और सभी क्षेत्रों में मूल्यांकन बढ़ा हो, तो नया दस्तावेज आना अच्छा है। अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियों के लिए निवेशकों, खास तौर पर घरेलू निवेशकों की ओर से मजबूत मांग है।
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पिछले साल दो अंकों में प्रतिफल दर्ज करने के बाद निफ्टी शेयरों में सुस्ती के संकेत दिख रहे हैं। विश्लेषकों ने कहा कि तेजी का रुख जारी रह सकता है, लेकिन समेकन की जरूरत के पर्याप्त संकेत हैं। सूचकांक शेयरों और लार्ज कैप को रफ्तार कायम रखने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों से निरंतर समर्थन की जरूरत होगी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि सूचकांक शेयरों में दिन-प्रति-दिन की बढ़त धीमी पड़ रही है और बीच-बीच में हम गिरावट वाला दिन देख रहे हैं।