इंजीनियरिंग दिग्गज लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) सड़क एवं विद्युत कंसेशंन और इनक्यूबेट डिजिटल तथा ईक-कॉमर्स व्यवसायों में अपना निवेश घटाने की संभावना तलाश रही है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 में समाप्त हो रही अपनी पांच वर्षीय योजना के तहत यह रणनीति तैयार की है। योजना के लिए आधार वर्ष 2020-21 है।
‘लक्ष्य 2026’ नाम से कंपनी की रणनीति का मकसद उसे छोटे आकार के व्यवसायों से निकलने में मदद करना, अधिक तकनीक निर्माण और हरित ऊर्जा परियोजनाओं पर ध्यान बढ़ाने, आईटी और डिजिटल सेवाओं से अपनी भागीदारी बढ़ाने में मदद करना है। इस बीच, रिटेल उधारी पर ध्यान केंद्रित कर वित्तीय सेवा व्यवसाय के उधारी परिचालन को पुनर्गठित किया जाएगा।
इस विनिवेश में पंजाब में नाभा पावर परियोजना, एलऐंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स से निकलना शामिल होगा, जिसमें कंपनी की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह हैदराबाद मेट्रो उद्यम से स्वयं को अलग करेगी।
कंपनी इलेक्ट्रोलाइजर के निर्माण में भी प्रवेश कर रही है। यह एक ऐसा उपकरण है जिसका इस्तेमाल ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में पानी अलग करने में किया जाता है।
जनवरी में, एलऐंडटी ने इलेक्ट्रोलाइजर टेक पहुंच बढ़ाने के लिए नॉर्वे की हाइड्रोजनप्रो के साथ भागीदारी की घोषणा की थी। साथ ही कंपनी अपनी पांच वर्षीय योजना के तहत उन्नत केमिस्ट्री सेल निर्माण और बैटरी मॉड्यूल्स पर भी ध्यान दे रही है, जो इलेक्ट्रिक ऊर्जा के लिए स्टोरेज सॉल्युशन हैं।
एलऐंडटी के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक एस एन सुब्रमण्यन ने कहा, ‘हमारा जोर लाभकारी विस्तार एवं मौजूदा व्यावसायिक पोर्टफोलियो में क्रियान्वयन के जरिये निरंतर वृद्घि सुनिश्चित करने और इस योजना की अवधि के दौरान नए व्यवसायों को शामिल करने पर रहेगा। योजना की अवधि के दौरान नकदी सृजन मुनाफे में सुधार का मुख्य उद्देश्य होगा। इसके अलावा गैर-जरूरी परिसंपत्तियों की बिक्री के जरिये पूंजी जुटाने से भी समूह के नकदी बैलेंस को मदद मिलेगी।’
कंपनी ने हाल में अपनी रणनीतिक योजना के तहत छोटे एवं मझोले आकार के उद्यमों के लिए बी2बी मार्केटप्लेस सुफिन एवं एडूटेक (ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म) को पेश किया है।
कंपनी जल्द ही प्रायोगिक आधार पर 2.5 मेगावॉट क्षमता का डेटा केंद्र संयंत्र लगाएगी। अगले पांच साल के दौरान वह 90 मेगावॉट क्षमता का डेटा सेंटर स्थापित करेगी, जिसके लिए उसने तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता किया है। इन सभी पहलों से कंपनी को वित्त वर्ष 2026 तक 2.7-3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने में मदद मिलेगी, जो वित्त वर्ष 2021 में 1.4 लाख करोड़ रुपये था। वहीं उसे ऑर्डर प्रवाह भी वित्त वर्ष 2021 के 1.7 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचाने में मदद मिलेगी। कंपनी को 18 प्रतिशत का इक्विटी पर प्रतिफल (आरओई) हासिल होने की उम्मीद है जो वित्त वर्ष 2021 में 10 प्रतिशत रहा।कंपनी की योजना में मौजूदा व्यवसायों के लिए करीब 10,000-11,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च शामिल होंगे, जिनमें इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) और रियल्टी परियोजनाएं शामिल हैं।
एथर इंडस्ट्रीज आईपीओ को 6.3 गुना आवेदन
एथर इंडस्ट्रीज के आईपीओ को पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) से मजबूत माग की वजह से 6.3 गुना अभिदान मिला। एथर के 808 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ, मई का महीना आईपीओ के लिहाज से व्यस्त रहा और आठ कंपनियों में 30,140 करोड़ रुपये जुटाए। सेकंडरी बाजार में भारी बिकवाली के बावजूद आईपीओ के जरिये ये पूंजी जुटाई गई। एथर के आईपीओ की क्यूआईबी श्रेणी को 17.6 गुना, एचएउनआई को 2.52 गुना और रिटेल श्रेणी 1.14 गुना अभिदान मिला था। एथर इंडस्ट्रीज एडवांस्ड एंटीमीडिएट और ऐक्टिव इंग्रिडिएंट की निर्माता है और दवा एवं स्पेशियलिटी केमिकल उद्योग की जरूरतें पूरी करती है। कंपनी ने आईपीओ के जरिये 625 करोड़ रुपये जुटाए हैं। बीएस
