भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयर की मई में सुस्त सूचीबद्धता के साथ शुरुआत हुई थी। तब से भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का यह शेयर 949 रुपये के निर्गम भाव पर आने में विफल रहा है। प्रख्यात घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज ने शुरू में 875 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर के लिए ‘होल्ड’ यानी बनाए रखें की रेटिंग दी है, जो मौजूदा स्तरों से करीब 8 प्रतिशत तक ज्यादा है।
हालांकि ब्रोकरेज का मानना है कि एलआईसी ऐसा शेयर है जो बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकता और वह अपने स्वयं के भरोसे की वजह से सूचीबद्ध हो गया।
इस रेटिंग की यहां कुछ प्रमुख वजह बताई जा रही हैं।
आकर्षक मूल्यांकन
एमके के अनुसार, एलआईसी के आईपीओ का मूल्यांकन 6 लाख करोड़ रुपये या मौजूदा बाजार पूंजीकरण 5.3 लाख करोड़ रुपये है, जो 5.4 लाख करोड़ रुपये की उसकी वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही की एम्बेडेड वैल्यू (ईवी) और वित्त वर्ष 2022 की उद्यम वैल्यू पर करीब 2-3.6 गुना के सूचीबद्ध प्रतिस्पर्धी मूल्यांकन मल्टीपल को देखते हुए कमजोर एवं सामान्य है।
एमके का कहना है कि एलआईसी की ईवी में उसका वृद्धि परिदृश्य और उतार-चढ़ाव शामिल हैं जिससे अनिश्चिताएं पैदा हुई हैं।
परिचालन चुनौती
एमके का मानना है कि 65 साल की परंपरा और करीब 45 साल के एकाधिकार के साथ एलआईसी के भव्य आकार के साथ कई मौजूदा औरआगामी चुनौतियां छिप जाने की संभावना है। इनमें एक है एलआईसी का कमीशन और लागत ढांचा, जो काफी बढ़ा हुआ है। इसके अलावा, यह सिंगल-प्रीमियम बिजनेस की बड़ी भागीदारी से भी जुड़ी हुई है और यूनिट-लिंक्ड तथा रिटेल प्रोटेक्शन व्यवसाय काफी कम है।
उत्पाद मिश्रण चुनौतीपूर्ण
हालांकि एलआईसी ने अपनी बाजार भागीदारी में आई कमजोरी दूर करने के लिए आगामी वर्षों में अपने उत्पाद मिश्रण में बड़ा बदलाव लाने और नए व्यवसाय का मार्जिन सुधारने की योजना बनाई है।