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गिरावट के बाद संभले कर्णाटका बैंक के शेयर

बैंक के मुख्य कार्य अधिकारी और कार्यकारी निदेशक के इस्तीफे के बाद शेयरधारकों के बीच आशंका का माहौल बन गया।

Last Updated- June 30, 2025 | 11:24 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर

कर्णाटका बैंक के शेयरों में सोमवार को 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई। रविवार देर शाम, बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी (एमडी और सीईओ) और कार्यकारी निदेशक (ईडी) के इस्तीफे की खबर स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई थी जिसका असर सोमवार को बैंक के शेयरों पर दिखा। सीईओ और ईडी ने अपने फैसलों के पीछे निजी कारण बताए हैं।

सूत्रों के अनुसार, मई में बैंक के सांविधिक लेखा परीक्षकों ने पूर्णकालिक निदेशकों द्वारा बोर्ड को भरोसे में लिए बिना किए गए कुछ खर्चों पर सवाल उठाया था, जिसके कारण ये इस्तीफे हुए होंगे।

सोमवार को बैंक ने ग्राहकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि 19.85 प्रतिशत के पूंजी पर्याप्तता अनुपात के साथ बैंक की स्थिति अच्छी है और यह इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति और बेहतर जोखिम प्रबंधन को दर्शाता है। इस पुरानी पीढ़ी के समुदाय आधारित बैंक के ग्राहकों ने इस घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि बैंक के शेयर की कीमत दिन के निचले स्तर से बढ़कर 195.75 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए हैं। आज एक बयान में बैंक ने कहा, ‘कर्णाटका बैंक अपने सभी मूल्यवान ग्राहकों और हितधारकों को आश्वस्त करना चाहता है कि जमाकर्ताओं के पैसे की सुरक्षा हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और यह हमेशा बनी रहेगी। हम इस बात को दोहराना चाहते हैं कि बैंक मजबूत, लचीला और प्रतिबद्ध है और हम दशकों के बनाए  भरोसे को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है।’

बैंक ने कहा, ‘बैंक के बुनियादी सिद्धांतों में मजबूती बनी हुई है और पारदर्शिता, ग्राहक सेवा तथा नैतिक शासन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता बरकरार है।’बैंक के पास एक मजबूत बोर्ड है, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक पी. प्रदीप कुमार गैर-कार्यकारी अध्यक्ष हैं। बोर्ड में कर्णाटका उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और कर्णाटका राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण के पूर्व न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति ए. वी. चंद्रशेखर, और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व कार्यकारी निदेशक उमा शंकर जैसे अन्य सदस्य शामिल हैं।

बैंक के एमडी और सीईओ श्रीकृष्ण हरिहर सरमा ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसमें मुंबई वापस जाने का उनका निर्णय भी शामिल है। इसी तरह, ईडी शेखर राव ने मंगलूरु में स्थानांतरित होने में असमर्थता जताने के साथ ही अन्य निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एमडी और सीईओ और ईडी के जाने के बाद, बैंक ने नए एमडी और सीईओ के साथ-साथ ईडी के पद के लिए नए उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करने के लिए एक खोज समिति का गठन किया है। नए सीईओ को आने में 4-6 महीने की देरी हो सकती है।

इसके अलावा, बैंक ने एक अनुभवी वरिष्ठ बैंकर को मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) के रूप में नियुक्त किया है जो 2 जुलाई को पदभार ग्रहण करेंगे और बैंक नियामकीय संस्था आरबीआई की मंजूरी के अधीन वैकल्पिक व्यवस्थाएं की हैं।

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही की कमाई में, बैंक के लेखा परीक्षकों ने सलाहकारों की सेवाएं लेने के संबंध में 1.16 करोड़ रुपये के खर्च पर आपत्ति जताई थी। साथ ही, राजस्व व्यय और कुल निश्चित संपत्तियों में 37 लाख रुपये का पूंजीगत व्यय शामिल था, जो पूर्णकालिक निदेशकों की निर्धारित शक्तियों से अधिक था और बैंक के बोर्ड ने इसकी पुष्टि नहीं की थी। लेखा परीक्षकों ने कहा था कि उक्त राशि संबंधित निदेशकों से वसूली जानी चाहिए।

बैंक ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘लेखा परीक्षक की रिपोर्ट वाले वित्त वर्ष 2025 के ऑडिट किए गए वित्तीय विवरणों में शामिल नोट के संबंध में, बैंक का कहना है कि इस पर चर्चा की गई है और सौहार्दपूर्ण ढंग से इसका समाधान कर लिया गया है।’

वित्त वर्ष 2025 में, बैंक ने 1,272 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया जबकि पिछले वर्ष यह 1,306 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2025 के अंत में इसका अग्रिम 77,958 करोड़ रुपये था जबकि इसकी जमा राशि 1.04 लाख करोड़ रुपये थी। इसकी परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ और सकल एनपीए 3.08 प्रतिशत तथा शुद्ध एनपीए 1.31 प्रतिशत रहा।

First Published - June 30, 2025 | 11:18 PM IST

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