बाजार में जारी उठापटक ने विमानन कंपनी जेट एयरवेज को प्रस्तावित 40 करोड़ डॉलर के राइट इश्यू को टालने को बाध्य कर दिया है। इस इश्यू को अब इस वर्ष जून या जुलाई में जारी किए जाने की संभावना है।
नरेश गोयल के समर्थन वाली इस विमानन कंपनी ने राइट इश्यू के लिए पिछले वर्ष जून में मंजूरी हासिल कर ली थी, लेकिन वैश्विक बाजार में उठापटक के कारण एयरलाइन को पूर्व में भी तीन बार राइट इश्यू को स्थगित करना पड़ा। पिछले वर्ष सितंबर में और दिसंबर में राइट इश्यू की योजना को स्थगित किया गया था और बाद में इसे मार्च 2008 में जारी किए जाने की घोषणा की गई।
जेट एयरवेज में एमआईएस और इन्वेस्टर रिलेशंस के वरिष्ठ प्रबंधक के. जी. विश्वनाथ ने कहा, ”हमने राइट इश्यू से संबद्ध प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभी इसमें तीन महीने का समय लगेगा। हमने अभी इसकी पूरी प्रक्रिया को शुरू नहीं किया है। जून-जुलाई तक राइट इश्यू पूरा हो जाएगा।”
जेट एयरवेज मौजूदा समय में 9000 करोड़ रुपये से भी अधिक के कर्ज भार से जूझ रही है और इसे अपने विस्तार के लिए 2 अरब डॉलर की जरूरत है। 40 करोड़ डॉलर की राशि राइट इश्यू के जरिए जुटाई जाएगी जिससे कर्ज के भार से दबी इस कंपनी को कुछ हद तक राहत मिलेगी।
विश्वनाथ के अनुसार बाजार के बिगड़ते हालात के कारण जेट के पास कोई विकल्प नहीं रह गया। उन्होंने कहा कि 40 करोड़ डॉलर के राइट इश्यू के जरिए जेट कर्ज राशि के 15 प्रतिशत की अदायगी कर देगा।
जेट राइट इश्यू के लिए अपने बैंकरों के रूप में एसएसकेआई और एचएसबीसी को पहले ही अनुबंधित कर चुकी है। विश्वनाथ ने कहा कि राइट इश्यू को लेकर हम निराशाजनक स्थिति में नही हैं। एयरलाइन में निवेशकों की रुचि बरकरार है।
