आईपीओ

इस साल आईपीओ से पूंजी जुटाने का बनेगा नया रिकॉर्ड, 93 फर्मों से ₹1.6 लाख करोड़ जुटाने की उम्मीद

पिछले साल 94 आईपीओ से 1.59 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई गई थी। इस साल अभी तक 93 फर्मों के आईपीओ आए हैं जो 2007 के बाद सबसे ज्यादा है

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- November 28, 2025 | 11:01 PM IST

देश का आरं​भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार एक और यादगार साल के लिए तैयार है। इस साल आईपीओ के जरिये पूंजी जुटाने का नया रिकॉर्ड बनेगा और निर्गम की संख्या भी 18 साल में सबसे ज्यादा होगी। मीशो, एक्वस और विद्या वायर्स के निर्गम पूरे होने के बाद आईपीओ के जरिये जुटाई गई पूंजी 1.6 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी जो एक नया रिकॉर्ड होगा।

पिछले साल 94 आईपीओ से 1.59 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई गई थी। इस साल अभी तक 93 फर्मों के आईपीओ आए हैं जो 2007 के बाद सबसे ज्यादा है। मीशो 5,421 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है जबकि एक्वस 922 करोड़ रुपये और विद्या वायर्स का आईपीओ से 300 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।

इस साल शुरू में सेकंडरी बाजार में खूब उठापटक चल रहा था। सेकंडरी बाजार की अस्थिरता का असर प्राइमरी बाजार पर भी पड़ा और मार्च में कोई आईपीओ नहीं आया। अप्रैल में केवल एक आईपीओ आया था। लेकिन मई से स्थिति में सुधार हुआ और जुलाई से हर महीने 10 या उससे अधिक आईपीओ बाजार में आए हैं। अकेले सितंबर में दो दर्जन से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध हुईं जो जनवरी 1997 के बाद से किसी एक महीने में फर्मों के सूचीबद्ध होने का सर्वा​धिक आंकड़ा है। निवेशक बैंकरों ने इस उछाल का श्रेय अलग-अलग कारोबारी मॉडल वाली कंपनियों की मौजूदगी और निर्गम की उचित कीमत को दिया।

इक्विरस कैपिटल में प्रबंध निदेशक और निवेश बैंकिंग के प्रमुख भावेश शाह ने कहा, ‘इस साल कई ऐसी कंपनियों के आईपीओ आए जो नए तरह के कारोबार वाली थीं या वे अपना कारोबार अलग तरीके से करती हैं। फंड मैनेजर हमेशा अपने पोर्टफोलियो को नए क्षेत्रों के अनुरूप बनाना चाहते हैं। उन्हें अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से चलाने के लिए अपने पोर्टफोलियो को अपडेट करने की आवश्यकता है और आईपीओ में संस्थागत निवेशकों को बड़ा हिस्सा मिल जाता है जबकि सेकंडरी बाजार में यह मुश्किल होता है।’

शाह ने कहा कि इन दो कारकों के कारण आईपीओ बाजार आगे भी अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे।

शाह ने कहा, ‘जब आईपीओ के मूल्यांकन की बात आती है तो संस्थागत निवेशक बहुत सतर्क और सावधान रहते हैं। कीमत निर्धारण अनुशासन जारी रहने की संभावना है क्योंकि घरेलू संस्थागत निवेशक का समर्थन काफी महत्त्वपूर्ण होता जा रहा है और संस्थागत निवेशक लंबे समय तक हिस्सेदारी बनाए रखना चाहते हैं। कुल मिलाकर आईपीओ के लिए दृष्टिकोण आशावादी बना हुआ है। हमें उम्मीद है कि दिसंबर भी आईपीओ के लिए व्यस्त महीना होगा और अगले साल आईपीओ से करीब 20 अरब डॉलर तक पूंजी जुटाई जा सकती है।’

निवेशकों को पहले से सूचीबद्ध फर्मों में निवेश की तुलना में अधिकांश नए निर्गमों से बेहतर रिटर्न मिला है। 2025 में अभी तक 93 आईपीओ बाजार में आ चुके हैं और आईपीओ-ट्रैकिंग पोर्टल चित्तौड़गढ़ डॉट कॉम के अनुसार 56 लाभ पर सूचीबद्ध हुए और करीब 60 अपने निर्गम मूल्य से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।

स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘अधिकतर खुदरा निवेशक इसे एक अलग संप​त्ति श्रेणी के रूप में देख रहे हैं और वे सूचीबद्धता के दिन ही शेयर बेचना चाहते हैं। सूचीबद्धता पर लाभ चाहने वाले निवेशकों को आईपीओ को ट्रेडिंग बेट के रूप में मानना चाहिए।’

मीशो का आईपीओ 3 दिसंबर को

ई-कॉमर्स कंपनी मीशो का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 5,421 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। कंपनी ने निर्गम का मूल्य दायरा 105-111 रुपये प्रति शेयर का तय किया है। उच्च मूल्य दायरे पर मीशो का मूल्यांकन 50,096 करोड़ रुपये बैठता है।

मीशो ने शुक्रवार को बयान में कहा कि आईपीओ 3 दिसंबर को खुलेगा और 5 दिसंबर को संपन्न होगा। एंकर निवेशक 2 दिसंबर को बोली लगा पाएंगे। आईपीओ में 4,250 करोड़ रुपये के नए शेयर और 1,171 करोड़ रुपये के 10.55 करोड़ शेयर की बिक्री पेशकश की जाएगी।

First Published : November 28, 2025 | 11:01 PM IST