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ICICI Prudential AMC IPO: लिस्टिंग से नहीं बदलेगा निवेश का मूल सिद्धांत: निमेश शाह

निमेश शाह का कहना है कि भारत एक ऐसा बाजार है जहां कम मार्जिन और अधिक वॉल्यूम वाले बड़े कारोबार स्थायी मूल्य का सृजन करते हैं

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- December 12, 2025 | 10:34 PM IST

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के एमडी और सीईओ निमेश शाह का कहना है कि भारत एक ऐसा बाजार है जहां कम मार्जिन और अधिक वॉल्यूम वाले बड़े कारोबार स्थायी मूल्य का सृजन करते हैं। कंपनी के 10,603 करोड़ रुपये के आईपीओ के बीच ईमेल साक्षात्कार में शाह ने अभिषेक कुमार से कहा कि बढ़ता वॉल्यूम लाभप्रदता बनाए रखने में सहायक होगा और मूल्य निर्धारण में होने वाले अचानक बदलाव के असर को काफी हद तक कम कर देगा। संपादित अंश:

सूचीबद्ध कंपनी के रूप में आप यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि आय के लिए शेयरधारकों के दबाव का निवेशकों के हितों और जोखिम प्रबंधन के साथ टकराव न हो?

भारतीय म्युचुअल फंड उद्योग मजबूत नियामक आधार पर बना है, जो पारदर्शिता और निवेशकों के लिए निष्पक्ष योजना सुनिश्चित करता है। इसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों, वितरकों और परिसंपत्ति प्रबंधकों के हितों को किस प्रकार संतुलित किया है। एक एएमसी की वृद्धि तभी होती है जब वह अपने यूनिटधारकों के लिए मूल्य सृजित करती है। जब हम निवेशकों के हितों के अनुरूप चलते हैं तो वे लंबे समय तक निवेशित रहते हैं और वे ज्यादा निवेश करते हैं, जिससे स्वाभाविक रूप से राजस्व में वृद्धि होती है।

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इक्विटी, हाइब्रिड, डेट, पैसिव, पीएमएस और अन्य वैकल्पिक रणनीतियों में विस्तार करते हुए जोखिम प्रबंधन हमारी यात्रा के केंद्र में रहा है। हमने विस्तार और लचीलेपन के लिए प्रक्रियाएं विकसित की हैं, यही कारण है कि हम अक्सर खुद को एक जोखिम प्रबंधन कंपनी के रूप में बताते हैं, जो धन का प्रबंधन करती है। सूचीबद्ध होने से इन प्रक्रियाओं में कोई बदलाव नहीं आता है। सूचीबद्ध होने से हमारी निवेश रणनीति, न्यासी का कर्तव्य या जोखिम संस्कृति में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

म्युचुअल फंड सेक्टर में इक्विटी, हाइब्रिड, डेट और पैसिव निवेश श्रेणियों में 140 से अधिक योजनाएं हैं। क्या यह श्रेणी पूरी है या इसमें और भी संभावनाएं हैं?

हम ऐसेट मैनेजमेंट कारोबार के हर प्रमुख क्षेत्र में कार्यरत हैं। हमारी 143 योजनाओं में ऐक्टिव फंड, पैसिव फंड, ईटीएफ, थीमेटिक और डाइवर्सिफाइड इक्विटी स्ट्रैटेजी, हाइब्रिड फंड, फिक्स्ड इनकम फंड, लिक्विड फंड और तेजी से विकसित हो रहा ऑल्टरनेट प्लेटफॉर्म शामिल हैं। यह व्यापकता हमें बाजार चक्रों में निवेशकों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाती है और यह हमारे द्वारा प्रबंधित कारोबार की विशालता में दिखता है।

सितंबर 2025 तक म्युचुअल फंड में हमारी सक्रिय बाजार हिस्सेदारी 13.3 फीसदी थी और हम इक्विटी व हाइब्रिड योजनाओं में सबसे बड़ी एएमसी हैं। सेबी द्वारा एसआईएफ के लिए एक नया ढांचा पेश किए जाने के साथ हम उस ढांचे के तहत भी योजनाएं लॉन्च करेंगे।

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आपकी इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं के बढ़ते आकार और प्रति यूनिट कम लागत को देखते हुए आप उच्च लाभ वृद्धि को बनाए रखने की योजना कैसे बनाते हैं?

आजकल टेलीस्कोपिक प्राइसिंग का चलन है। वॉल्यूम में वृद्धि मार्जिन में गिरावट की भरपाई करती है। भारत ऐसा बाजार है, जहां कम मार्जिन और ज्यादा वॉल्यूम वाले बड़े होते कारोबार स्थायी मूल्य सृजित करते हैं। प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण प्रणाली के माध्यम से हम विश्वास कायम करते हैं।

First Published : December 12, 2025 | 10:23 PM IST