फिनटेक फर्म ग्रो ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए तैयारी शुरू कर दी है और इस सिलसिले में कई निवेश बैंकरों से बातचीत की है। सूत्रों ने बताया कि सबसे बड़ी ब्रोकिंग कंपनी और सबसे बड़ी म्युचुअल फंड वितरक कंपनी ग्रो की योजना 6 से 8 अरब डॉलर (करीब 69,000 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन पर 70 करोड़ डॉलर (करीब 6,000 करोड़ रुपये) जुटाने की है।
अक्टूबर 2021 में रकम जुटाने के आखिरी दौर में कंपनी का मूल्यांकन 3 अरब डॉलर था। कंपनी ने साल 2017 में म्युचुअल फंडों के डायरेक्ट प्लान के वितरण का काम शुरू किया और 2020 में ब्रोकिंग में उतरी। आईपीओ की तैयारी के तहत मई 2024 में कंपनी अपनी मूल इकाई को अमेरिका से भारत ले आई।
रपटों के मुताबिक कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 805 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया जो मोटे तौर पर अपने आधार में बदलाव के चलते एकबारगी कर भुगतान से हुआ। कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में अपने क्लाइंटों की संख्या में तेज गति से इजाफा किया है।
सितंबर 2023 में उसने क्लाइंटों की संख्या के लिहाज से जीरोधा को पीछे छोड़ा और सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म बन गई। मई 2024 में वह 1 करोड़ से ज्यादा सक्रिय क्लाइंटों वाली पहली ब्रोकरेज फर्म बन गई।
यह पूंजी बाजार की उन कंपनियों में से एक है जिसे इक्विटी बाजार में मजबूत उछाल और शेयर निवेशकों में इस कारण हुई वृद्धि से फायदा हुआ है। भारत में डीमैट खातों की संख्या कोविड-19 के बाद से आसमान छू गई। इसकी वजह खाता खोलने में आसानी, स्मार्टफोन का व्यापक इस्तेमाल और बाजार से बढ़िया रिटर्न मिलना है।
पिछले पांच वर्षों में डीमैट खातों की संख्या कई गुना हो गई। यह 2019 में 3.93 करोड़ थी जो दिसंबर 2024 के आखिर में बढ़कर 18.53 करोड़ पर पहुंच गई।