लॉजिस्टिक क्षेत्र की कंपनी डेलिवरी ने आरोप लगाया है कि आईपीओ की तैयारी में जुटी उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी ईकॉम एक्सप्रेस ने आईपीओ के अपने मसौदा दस्तावेज (DRHP) में दोनों कंपनियों की कारोबारी पैमाइश से संबंधित आंकड़ों को गलत तरीके से पेश किया है। उसने कहा कि ये आंकड़े खेप की मात्रा, सर्विस एबिटा और प्रति खेप लागत जैसे पैमाइश से संबंधित है।
सॉफ्टबैंक के निवेश वाली पहले से सूचीबद्ध कंपनी डेलिवरी ने कहा कि डीआरएचपी में तुलना के लिए उसकी जानकारी का गलत तरीके से उपयोग किया गया है।
ईकॉम एक्सप्रेस ने कहा कि इसने वित्त वर्ष 24 में 51.441 करोड़ खेप भेजी थीं, जबकि डेलिवरी ने इस अवधि के दौरान 74 करोड़ पैकेज का संचालन किया था। हालांकि शुक्रवार को शेयर बाजारों को दी सूचना में डेलिवरी ने आरोप लगाया कि यह तुलना त्रुटिपूर्ण थी।
उदाहरण के लिए डेलिवरी किसी खेप को केवल एक खेप मानती है, भले ही वह गंतव्य तक न पहुंचा हो और मूल स्थान पर लौटा हो। लेकिन प्रतिस्पर्धी (ईकॉम एक्सप्रेस) इसे दो खेप के रूप में गिनती है क्योंकि आने-जाने वाले परिवहन का बिल अलग-अलग होता है। ईकॉम एक्सप्रेस ने इस मसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
डेलिवरी ने कहा कि सेवा एबिटा की गणना समान नहीं है। ‘कॉर्पोरेट लागत’ की एक जैसी परिभाषा के संबंध में स्पष्टता की कमी के कारण इसकी तुलना नहीं की जा सकती है। कंपनी ने ईकॉम एक्सप्रेस की प्रति खेप लागत (सीपीएस) की गणनाओं पर भी प्रकाश डाला। उसने कहा कि कई मामलों में सीपीएस की तुलना में दिक्कत रहती है।
उदाहरण के लिए खेप के प्रोफाइल के आधार पर प्रति खेप की पैमाइश में काफी भिन्नता होती है। डेलिवरी और प्रतिस्पर्धी के मामले में वजन का प्रोफाइल अलग-अलग ग्राहक मिश्रण के कारण काफी अलग होगा।