Amanta Healthcare IPO: अमांता हेल्थकेयर आईपीओ सब्सक्राइब करने के लिए सोमवार (1 सितंबर) को खुल गया। कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 120 to 126 रुपये प्रति शेयर तय किया है। इश्यू के जरिए कंपनी का लक्ष्य 126 करोड़ रुपये जुटाना का है। इस राशि का इस्तेमाल कंपनी सिविल कंस्ट्रक्शन वर्क और इक्विपमेंट और मशीनरी की खरीद के लिए करेगी। आईपीओ में एक करोड़ इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू शामिल है। जबकि ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल नहीं है।
अमांता हेल्थकेयर का आईपीओ बुधवार (3 सितंबर) को बोली के लिए बंद हो जाएगा। निवेशक कम से कम 119 शेयरों वाले एक लॉट के लिए बोली लगा सकते हैं। अधिकतम मूल्य पर एक रिटेल निवेशक को कम से कम 14,994 रुपये का निवेश करना होगा।
एमयूएफजी इनटाइम इंडिया (MUFG) अमांता हेल्थकेयर एआईपीओ का रजिस्ट्रार है। बीलाइन कैपिटल एडवाइजर्स इकलौता बुक-रनिंग लीड मैनेजर है। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) के अनुसार, कंपनी इश्यू से मिली राशि का इस्तेमाल सिविल कंस्ट्रक्शन, उपकरण, संयंत्र और मशीनरी की खरीद के लिए करेगी। यह खर्च गुजरात के खेड़ा जिले के हरियाला में स्टेरीपोर्ट (SteriPort) की नई मैन्युफैक्चरिंग लाइन और एसवीपी (SVP) यूनिट के लिए किया जाएगा। बची हुई राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट कार्यों में होगा।
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अमांता हेल्थकेयर ने आईपीओ खुलने से पहले 29 अगस्त को छह संस्थागत निवेशकों से एंकर बुक के जरिए 37.8 करोड़ रुपये जुटाए। कंपनी ने 30 लाख शेयर 126 रुपये प्रति शेयर की दर से अलॉट किए। इसमें बंधन म्यूचुअल फंड, सांशी फंड, परपेटuity हेल्थ टू वेल्थ (H2W) राइजिंग फंड, आर्थ ग्रोथ फंड, सनराइज इनवेस्टमेंट ट्रस्ट और फिनएवेन्यू कैपिटल ट्रस्ट ने भाग लिया।
बाजार की अनऑफिशियल गतिविधियों पर नजर रखने वाले सूत्रों के अनुसार, अमांता हेल्थकेयर के नॉन-लिस्टेड शेयर 154 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। यह प्राइस बैंड के अपर एंड 126 रुपये से 28 रुपये या 22.2 प्रतिशत अधिक है।
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आनंद राठी के विश्लेषकों के अनुसार, अपर प्राइस बैंड पर कंपनी का वैल्यू वित्त वर्ष 2025 के पी/ई 46.6x पर है। इश्यू के बाद मार्केट कैप 489.2 करोड़ रुपये है। ब्रोकरेज ने कहा, “कंपनी का लक्ष्य अपनी फॉर्मूलेशन विशेषज्ञता और बड़े पैमाने पर विनिर्माण क्षमताओं का लाभ उठाकर मौजूदा ग्राहकों के साथ संबंध मज़बूत करना और नए ग्राहक बनाना है। कंपनी अतिरिक्त कारोबार खड़ा करने के लिए अपने पोर्टफोलियो का विस्तार नए उत्पादों, जटिल खुराकों और बढ़ी हुई क्षमताओं में करने की भी योजना बना रही है।”
इन कारकों का हवाला देते हुए आनंद राठी ने कहा कि आईपीओ पूरी तरह से फुली प्राइसड लग रहा है। इसी के साथ ब्रोकरेज ने आईपीओ लॉन्ग टर्म लिहाज से सब्सक्राइब करने की सलाह दी है।