ब्रुकफील्ड ऐसेट मैनेजमेंट के निवेश वाली श्लॉस बैंगलोर द्वारा संचालित द लीला पैलेस होटल्स ऐंड रिजॉर्ट्स आईपीओ के जरिये 3,500 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है और इसके बाद कंपनी कर्जमुक्त बन जाएगी। हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा है।
श्लॉस बैंगलोर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुराग भटनागर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘आईपीओ से प्राप्त प्राथमिक आय का इस्तेमाल हमारे ऋण का भुगतान करने के लिए किया जाएगा और इसके बाद हम शुद्ध ऋण के मामले में कर्ज-मुक्त बन जाएंगे।’
3,553 कमरों वाली होटल कंपनी के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) में कहा गया है कि उसने अपने आईपीओ के आकार को 30 प्रतिशत घटाकर 3,500 करोड़ रुपये कर दिया है। यहां तक कि ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट ने भी अपनी मूल बिक्री पेशकश को 2,000 करोड़ रुपये से घटाकर 1,000 करोड़ रुपये कर दिया। श्लॉस बैंगलोर के आईपीओ में 2,500 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का ताजा निर्गम और 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले 1,000 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है। इश्यू का प्राइस बैंड प्रति शेयर 413 रुपये से 435 रुपये के बीच तय किया गया है।
ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के एशिया प्रशांत और पश्चिम एशिया के रियल एस्टेट प्रमुख, मैनेजिंग पार्टनर अंकुर गुप्ता ने कहा, ‘ प्राथमिक लक्ष्य कंपनी को कर्जमुक्त बनाना है।’ इस समय कंपनी के खुद के पांच होटल हैं और वह आठ होटलों का प्रबंधन करती है। सात अन्य होटल वह जोड़ने जा रही है।
ई-कॉमर्स इनैबलेंट फर्म शिपरॉकेट ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास मसौदा पत्र दाखिल किया है। बुधवार को एक बिज़नेस अखबार में प्रकाशित विज्ञापन से इसका खुलासा हुआ है। अखबार के विज्ञापन में कहा गया है कि सार्वजनिक घोषणा सेबी आईसीडीआर विनियमों के विनियमन 59सी(5) के अनुसार है। टेमासेक और जोमैटो के निवेश वाली कंपनी सार्वजनिक निर्गम के जरिये 2,000 से 2,500 करोड़ रुपये जुटाना चाह रही है। इसके अलावा, इस प्रस्ताव में नए निर्गम और मौजूदा निवेशकों द्वारा बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) शामिल होगा। शिपरॉकेट ने ऐक्सिस कैपिटल लिमिटेड, बोफा सिक्योरिटीज, जेएम फाइनैंशियल और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड को मर्चेंट बैंकर के तौर पर शामिल किया है।
मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि अगर नए निर्गम को शामिल किया जाता है, तो इससे जुटाई गई रकम को उत्पाद विकास, रणनीतिक अधिग्रहण, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और कंपनी के प्रौद्योगिकी स्टैक को बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाने की संभावना है।
कंपनी ने कहा कि शिपरॉकेट के पास फिलहाल चार लाख से अधिक व्यापारी हैं और यह देश भर में 19,000 पिन कोड को कवर करती है, जबकि इसकी सीमा पार क्षमताओं के माध्यम से 160 से अधिक देशों तक पहुंच है।
उच्च गुणवत्ता वाले माइक्रोफिलामेंट बुने हुए कपड़ों की निर्माता बोराना वीव्स के आईपीओ को बुधवार को बोली के दूसरे दिन 29.46 गुना बोलियां मिलीं। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, 144.89 करोड़ रुपये की शुरुआती शेयर बिक्री में 36,89,457 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 10,87,07,430 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं। खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) की श्रेणी को 77.16 गुना अभिदान मिला, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के कोटे को 53.07 गुना अभिदान मिला। (क्यूआईबी) के हिस्से को 1.76 गुना अभिदान प्राप्त हुआ। 67,08,000 इक्विटी शेयरों तक के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के तहत प्रत्येक शेयर की कीमत 205-216 रुपये है।