भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को सरकारी प्रतिभूति बाजार की रिटेल डायरेक्ट स्कीम (आरडीएस) यानी प्रत्यक्ष खुदरा योजना तक पहुंच के लिए एक मोबाइल ऐप पेश किए जाने की घोषणा की है। दास ने मौद्रिक नीति संबंधी बयान में कहा है कि ऐप पेश किए जाने से खुदरा निवेशकों की सुविधा उल्लेखनीय रूप से बढ़ जाएगी और इससे जी-सेक बाजार की पहुंच और बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, ‘रिटेल डायरेक्ट पोर्टल तक पहुंच के लिए अब मोबाइल ऐप शुरू करने का प्रस्ताव है। इससे खुदरा निवेशकों की सुविधा बढ़ेगी और जी-सेक बाजार की पहुंच बढ़ेगी।’
इस समय खुदरा निवेशकों के पास रिटेल डायरेक्ट पोर्टल के माध्यम से विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे केंद्र की प्रतिभूतियों, ट्रेजरी बिलों, राज्य सरकार की प्रतिभूतियों, सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड और फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड में निवेश का विकल्प है।
बाजार के हिस्सेदारों ने कहा कि ऐप लाए जाने से पारदर्शिता बढ़ेगी और खुदरा निवेशकों के लिए प्रक्रिया सुव्यवस्थित होगी। उनका मानना है कि रिजर्व बैंक के ऐप से जी-सेक बाजार के लिए निष्पक्ष वातावरण बनेगा। हालांकि कुछ लोगों ने चिंता जताई है कि इससे बाजार में व्यवधान आएगा और बाजार मध्यस्थों के समक्ष चुनौतियां आएंगी।
श्रीराम फाइनैंस के कार्यकारी वाइस चेयरमैन उमेश रेवंकर ने कहा, ‘सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) के खुदरा पोर्टल तक सीधे पहुंचने के लिए मोबाइल ऐप पेश किए जाने से निवेश के अवसर को लोकतांत्रिक बनाने, वित्तीय बाजार में हिस्सेदारी के लिए लोगों को ज्यादा ताकत देने में मदद मिलेगी।’
बाजार हिस्सेदारों ने कहा कि खुदरा निवेशक रिजर्व बैंक के ऐप का इस्तेमाल करके ज्यादा सुरक्षित महसूस कर सकेंगे।
रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के मैनेजिंग पार्टनर और संस्थापक वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा, ‘नियामक के तौर पर रिजर्व बैंक नियामकीय जरूरतों का अनुपालन सुनिश्चित करता है और निवेशकों के हितों की रक्षा करता है। रिजर्व बैंक के ऐप का इस्तेमाल कर खुदरा निवेशक नियमन के ढांचे में खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे।’