वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) निवेशकों के लिए रोलर कोस्टर की सवारी जैसा रहा। साल के दूसरे हिस्से में शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया और विदेशी निवेशकों ने रिकॉर्ड पैसा निकाला। फिर भी, साल के अंत में निवेशकों को सिंगल डिजिट में रिटर्न मिला। BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी50, दोनों ने इस साल करीब 4% की बढ़त हासिल की। मिडकैप और स्मॉलकैप में भी मिला-जुला प्रदर्शन रहा। निफ्टी मिडकैप 100 में 5% से ज्यादा की बढ़त हुई, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 सिर्फ 1% बढ़ा।
सेक्टरों का प्रदर्शन
सेक्टरों में भी रिटर्न अलग-अलग रहे। निफ्टी बैंक ने 7.63%, निफ्टी IT ने 6.55%, और निफ्टी ऑटो ने 1.67% की बढ़त दी। लेकिन निफ्टी FMCG 1.67%, निफ्टी रियल्टी 9.35%, और निफ्टी ऑयल एंड गैस 9% नीचे गए। वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के डायरेक्टर क्रांति बथिनी ने कहा, “बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज ने ठीक-ठाक रिटर्न दिया, लेकिन ज्यादातर सेक्टर स्थिर रहे।”
FY26 में क्या उम्मीद?
अगले वित्तीय साल 2025-26 (FY26) में विश्लेषकों को डबल डिजिट रिटर्न की उम्मीद है, बशर्ते भारतीय अर्थव्यवस्था और कंपनियों की कमाई में सुधार हो। जियोजित इनवेस्टमेंट्स के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट अंतु ईपन थॉमस ने कहा, “FY25 की चौथी तिमाही से कमाई में रिकवरी शुरू होगी। हमें लगता है कि निफ्टी50 मार्च 2026 तक 25,800 तक पहुंच सकता है, जो 10% सालाना रिटर्न देगा।”
कहां लगाएं पैसा?
विश्लेषकों का सुझाव है कि FY26 में रेट-सेंसिटिव (ब्याज दरों से प्रभावित), हॉस्पिटल, और पावर यूटिलिटी स्टॉक्स में निवेश फायदेमंद हो सकता है।
अंतु थॉमस ने बताया, “ब्याज दरें कम होने की उम्मीद है, जिससे कर्ज सस्ता होगा। इससे बैंक, NBFC, ऑटो, रियल एस्टेट, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को फायदा होगा।” फरवरी 2025 में महंगाई 3.61% पर सात महीने के निचले स्तर पर पहुंची। UBS का अनुमान है कि RBI 2025 में रेपो रेट 0.50% कम कर सकता है। JM फाइनेंशियल सर्विसेज के डिंपलकुमार शाह ने भी रेट-सेंसिटिव सेक्टर में बड़े शेयरों पर दांव लगाने की सलाह दी। साथ ही, हॉस्पिटल और पावर सेक्टर में भी अच्छे रिटर्न की उम्मीद जताई।
किन सेक्टरों से बचें?
विश्लेषकों ने कहा कि FY26 में एक्सपोर्ट से जुड़े सेक्टरों से बचना चाहिए, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की वजह से। IT, फार्मा, ऑयल एंड गैस, और केमिकल सेक्टर में दिक्कत हो सकती है। थॉमस ने कहा, “चीन की डंपिंग और कीमतों का दबाव केमिकल स्टॉक्स को नुकसान पहुंचाएगा।” शाह ने FMCG के कुछ स्टॉक्स से बचने की सलाह दी, क्योंकि वॉल्यूम ग्रोथ नहीं दिख रही। साथ ही, कैपिटल गुड्स सेक्टर में भी कमजोर प्रदर्शन की आशंका जताई।