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Investment Strategy: कुछ-कुछ बुलबुलों के बावजूद भारतीय बाजारों में दम

BFSI इनसाइट समिट में म्युचुअल फंड प्रमुखों का कहना: बाजार में बुलबुला फूटने का खतरा, निवेशकों की अवास्तविक रिटर्न की उम्मीदें बढ़ी

Last Updated- November 07, 2024 | 10:33 PM IST
Mutual Fund CIOs (From Left) Sailesh Raj Bhan; Nippon India MF, Ashish Gupta; Axis MF, Mahendra Kumar Jajoo, Mahesh Patil, Anish Tawakley, Rajeev Radhakrishnan

बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट में अग्रणी म्युचुअल फंडों के मुख्य निवेश अधिकारियों ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार अभी स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट के बुलबुलों जैसे मूल्यांकन से धुव्रीकृत हैं जबकि अन्य क्षेत्र सहज मूल्यांकन की पेशकश कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बाजार अपने सर्वोच्च स्तर से नीचे आए हैं और आय में वृद्धि को लेकर अनुमान भी नरम हुए हैं।

निप्पॉन इंडिया फंड के सीआईओ-इक्विटी शैलेश राज भान ने कहा कि बुलबुले के साथ समस्या यह है कि इसका पता आपको केवल तभी चलेगा जब यह फूटेगा। कुछ खंड अच्छे हैं और उचित कीमत पर हैं। लेकिन बाजार में कुछ भी सस्ता नहीं है। समस्या यह है कि बुलबुला न केवल मूल्यांकन में बल्कि निवेशकों के दिमाग में भी हो सकता है। बहुत सारे लोग अवास्तविक रिटर्न की उम्मीद में आ रहे हैं ।

आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्युचुअल फंड के सीआईओ महेश पाटिल ने कहा कि स्मॉल और मिडकैप में मूल्यांकन ऊंचे स्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि लार्जकैप में कीमतें उचित हैं। हमने स्मॉल और मिडकैप में काफी तेजी व बड़े उल्लास का माहौल देखा है। काफी रकम इस क्षेत्र में गई है। ऐसे में हम अब सावधान रहने की दरकार है।

ऐक्सिस म्युचुअल फंड के सीआईओ आशिष गुप्ता ने कहा कि मूल्यांकन का अतिरेक अभी गया नहीं है पर आय वृद्धि सुस्त रही है। भारतीय शेयरों पर अमेरिकी चुनाव के नतीजों के असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नीतियों की दिशा तभी समझ आएगी जब आगामी महीनों में इन पर अमल होगा।

मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के सीआईओ महेंद्र कुमार जाजू से डेट म्युचुअल फंडों के आकर्षण पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस आशावाद की वजह है क्योंकि काफी निवेशकों ने फिक्स्ड जमाओं में रकम लगाई है, लेकिन उन जमाओं ने महंगाई को मात नहीं दी।

एसबीआई म्युचुअल फंड के सीआईओ (फिक्स्ड इनकम) राजीव राधाकृष्णन ने कहा कि डेट म्युचुअल फंड निवेशकों को महंगाई को मात देने में मदद करते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फंड के को-सीआईओ (इक्विटी) अनीश तवाकले ने कहा कि घरेलू बचत के पूरक के लिए और चालू खाते के घाटे के लिए विदेशी पूंजी निवेश की दरकार है।

First Published - November 7, 2024 | 10:33 PM IST

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