सोमवार को इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) के शेयर में एक बार फिर बड़ी गिरावट दर्ज हुई। शेयर इंट्रा-डे ट्रेडिंग में 9.85 प्रतिशत तक फिसलकर ₹4842.20 के स्तर पर आ गया और दोपहर 02:48 बजे यह लगभग ₹4903.75 पर 8.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था। दिसंबर 2025 में अब तक इंडिगो के शेयर में कुल मिलाकर करीब 13.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। इस गिरावट के चलते कंपनी का मार्केट-कैप ₹2.28 ट्रिलियन से घटकर ₹1.94 ट्रिलियन रह गया है, जिससे निवेशकों के लगभग ₹34,000 करोड़ रुपये डूब गए हैं।
मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि इंडिगो के शेयर पर दबाव कुछ और समय बना रह सकता है। स्वतंत्र विश्लेषक अंबरीश बलीगा के मुताबिक, कंपनी जिन चुनौतियों से गुजर रही है, उनका असर अगले दो तिमाहियों तक कमाई पर दिखाई देगा। उनका कहना है कि ब्रांड इंडिगो की प्रतिष्ठा को भी मौजूदा हालात से काफी नुकसान पहुंचा है। खासतौर पर पीक सीजन में उड़ानों के रद्द होने और देरी से कंपनी को रिफंड, किराया नियंत्रण और बढ़ती सैलरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। बलीगा का अनुमान है कि नए FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियम लागू होने से इंडिगो की लागत में लगभग 25 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि तकनीकी रूप से शेयर ₹4,000 स्तर तक गिर सकता है, हालांकि बीच में ₹4,800 से ₹4,600 का सपोर्ट मिल सकता है।
फ्लाइट ऑपरेशंस में हाल ही में आई भारी अव्यवस्था के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। उनसे कहा गया है कि वे 8 दिसंबर, सोमवार शाम 6 बजे तक जवाब दें। डीजीसीए के अनुसार उड़ानों में हुई गड़बड़ियों की मुख्य वजह यह रही कि इंडिगो नए FDTL नियमों के तहत स्टाफिंग और रोस्टरिंग की तैयारियां समय पर नहीं कर सका। यह Aircraft Rules, 1937 के नियम 42A सहित अन्य क्रू ड्यूटी और विश्राम समय संबंधी नियमों का संभावित उल्लंघन माना जा रहा है।
तकनीकी विश्लेषक द्रुमिल विठलानी का कहना है कि अगस्त 2025 में शेयर ₹6,000 से ₹6,100 के रेजिस्टेंस स्तर को पार नहीं कर पाया था, जिसके बाद से यह करेक्शन के फेज में है। वर्तमान में शेयर लगभग ₹5,050 के आसपास एक महत्वपूर्ण मल्टी-इयर ट्रेंडलाइन सपोर्ट पर पहुंच गया है। ऐतिहासिक रूप से ₹5,150 से ₹5,200 का क्षेत्र भी स्टॉक के लिए मजबूत डिमांड जोन रहा है। विठलानी के अनुसार मौजूदा निवेशक शेयर को होल्ड कर सकते हैं और स्टॉप लॉस ₹4,700 रखना चाहिए। वहीं, अगर शेयर में रिकवरी आती है तो यह पहले ₹5,550 तक बढ़ सकता है और लंबी अवधि में दोबारा ₹6,000 के स्तर को छूने की संभावना भी बनी हुई है।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधित फैसले करने से पहले अपने एक्सपर्ट से परामर्श कर लें।)