facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

Indian Equity Market: 7वें पायदान पर खिसका भारतीय शेयर बाजार, फिर हुआ ब्रिटेन से पीछे

भारत का mcap 231 अरब डॉलर या 6.93 प्रतिशत तक घटकर 3.1 लाख करोड़ रुपये रह गया है; अदाणी समूह का इस नुकसान में 60 प्रतिशत से ज्यादा योगदान है

Last Updated- February 22, 2023 | 7:39 PM IST
share market, BSE

अदाणी समूह के शेयरों में लगातार बिकवाली की वजह से बाजार पूंजीकरण (market capitalisation) की रैंकिंग में भारत ​फिसलकर सातवें पायदान पर आ गया है।

mcap के मामले में ब्रिटेन ने छठे स्थान पर काबिज होकर भारत को पीछे छोड़ दिया है। भारत 9 महीने पहले ​ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पहली बार शीर्ष-5 में जगह बनाई थी।

दो महीनों से कम समय में, घरेलू बाजार का स्थान दो पायदान घटा है। 31 जनवरी को फ्रांस ने भारत को पांचवें पायदान से हटाने में सफलता हासिल की थी।

इस साल अब तक, भारत का mcap 231 अरब डॉलर या 6.93 प्रतिशत तक घटकर 3.1 लाख करोड़ रुपये रह गया है। अदाणी समूह का इस नुकसान में 60 प्रतिशत से ज्यादा योगदान है। समूह का mcap इस साल अब तक करीब 145 अरब डॉलर घट चुका है।

ग्लोबल mcap में भी भारत का योगदान घटकर 3 प्रतिशत से नीचे रह गया है, जो अक्टूबर 2022 में 4 प्रतिशत था।
भारतीय बाजार शीर्ष-10 में सबसे कमजोर प्रदर्शन वाले बाजारों में से एक है, क्योंकि अन्य कई बाजारों को पिछले साल अपने मजबूत प्रदर्शन के अनुरूप प्रदर्शन करने में मदद मिल रही है। विश्लेषकों का कहना है कि भारत का महंगा मूल्यांकन और अदाणी समूह को लेकर प्रशासनिक चिंताओं का निवेशक धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है।

First Published - February 22, 2023 | 7:39 PM IST

संबंधित पोस्ट