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जुलाई में नए एसआईपी में इजाफा लेकिन बंद होने की रफ्तार भी बढ़ी

Last Updated- December 12, 2022 | 1:46 AM IST

बीच में बंद होने वाले एसआईपी की संख्या जुलाई में बढ़कर 855,000 पर पहुंच गई, जो चालू वित्त वर्ष में सर्वाधिक है। हालांकि नए खातों की संख्या भी तेजी से बढ़कर 23.8 लाख पर पहुंच गई।
बाजार कारोबारियों के अनुसार, पूरी निवेश अवधि वाले एसआईपी को नवीकृत नहीं कराया गया है, लेकिन बीच में बंद होने वाले एसआईपी खातों की संख्या आगामी महीनों में घटेगी, क्योंकि बाजारों में तेजी आई है और इक्विटी फंडों द्वारा मजबूत प्रतिफल दिया गया है। चालू वित्त वर्ष में, करीब 29.9 लाख एसआईपी बंद हुए या उनकी अवधि पूरी हो गई।

एसबीआई एमएफ में मुख्य व्यावसायिक अधिकारी डी पी सिंह ने कहा, ‘जहां एसआईपी के जरिये नए निवेशक आ रहे हैं, वहीं कुछ निवेशक मुनाफावसूली भी कर रहे हैं। दूसरा, अब बड़ी तादाद में एसआईपी पर्पेचुअल के तौर पर पंजीकृत हो रहे हैं। इससे पहले, वितरक तारीख के आधार पर एसआईपी करते थे, वे निवेश अवधि पूरी होने पर निवेशकों तक पहुंच बनाने में सक्षम नहीं हैं।’
एसआईपी निवेश करने का ऐसा तरीका है जिसमें निवेशक म्युचुअल फंड योजना का चयन करता है और निर्धारित अंतराल पर तय राशि निवेश करता है। बाजार कारोबारियों का कहना है कि इक्विटी एमएफ में ऑटोरिन्यूअल की सुविधा नहीं होती है, जबकि एसआईपी निवेश अवधि पूरी होने पर स्वत: ही नवीकृत हो जाते हैं। यदि यह विकल्प पूरी तरह से अपनाया जाता है तो एसआईपी बीच में बंद होने की संख्या में बड़ी कमी लाने में मदद मिलेगी।

जुलाई में, नई एसआईपी पंजीकरण करीब 23.8 लाख के आसपास रहे, जो एमएफ उद्योग द्वारा सर्वाधिक आंकड़ा है। एसआईपी के जरिये निवेश भी जून के मुकाबले जुलाई में बढ़ गया। जुलाई में एसआईपी योगदान 9,609 करोड़ रुपये रहा, जबकि जून में यह 9,155 करोड़ रुपये था और एयूएम बढ़कर 5.03 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं।
कुछ कारोबारी इसे लेकर चिंतित हैं कि निवेशक अब बाजारों में भारी तेजी की वजह से परेशान हैं। एक मझोले आकार के फंड हाउस के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, ‘जहां नए निवेशक एमएफ में आ रहे हैं, वहीं कई अन्य इक्विटी या अन्य डेट और हाइब्रिड योजनाओं से निकल रहे हैं। जब बाजार में गिरावट आएगी, हमें इक्विटी फंडों में और अधिक पूंजी प्रवाह की संभावना होगी।’

पिछले साल के दौरान, सेंसेक्स 46.74 प्रतिशत चढ़ा, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप सूचकांकों ने 58.66 प्रतिशत और 89.14 प्रतिशत प्रतिफल दिया। 

First Published - August 20, 2021 | 12:43 AM IST

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