अमेरिकी बाजारों से चली मंदी की आंधी एशिया के अन्य बाजारों से होते हुए भारतीय बाजार में जबसे पहुंची है, तब से यह हिचकोले खा रहा है।
लेकिन गुरुवार को इस आंधी के विकराल रूप धारण करते ही देश के शेयर बाजार बुरी तरह से ढह गए।
दुनियाभर के बाजारों की बुरी हालत देखकर यहां शुरू हुई बिकवाली के चलते बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स तो इस बुरी तरह से ढहने लगा कि कारोबार के दौरान एकबारगी 900 अंक गिरते हुए इस साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया।
हालांकि कारोबार की समाप्ति पर यह 770.63 अंकों की गिरावट के साथ 15357.35 के स्तर से नीचे बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 248.40 अंक नीचे आकर 4,623.60 पर बंद हुआ। बहरहाल, बंबई शेयर बाजार में गिरावट चौतरफा रही।
इसका कोई सूचकांक इस मार से नहीं बच सका। रीयल एस्टेट पर सबसे गहरी चोट यानी 11 फीसदी की रही।
गौरतलब है कि बुधवार को कच्चे तेल के दाम 110 डॉलर प्रति बैरल होने और फेडरल रिजर्व द्वारा मंदी न रोक पाने की आशंका से अमेरिकी बाजार फिर एक बार गिरावट की मार से बेहाल रहे।
वहां के बाजारों में रिफाइनरी, खुदरा और बैकिंग क्षेत्र के शेयर सबसे ज्यादा नुकसान झेल रहे हैं। अमेरिकी बाजार का ही असर एशियाई बाजारों पर भी पड़ रहा है।