facebookmetapixel
क्विक कॉमर्स में मुनाफे की नई दौड़ शुरू! मोतीलाल ओसवाल ने Swiggy और Eternal पर जारी किए नए टारगेट्सIRDAI की नजर स्वास्थ्य बीमा के दावों पर, निपटान राशि में अंतर पर चिंताPNB, केनरा और इंडियन बैंक भी करेंगे बॉन्ड मार्केट में प्रवेश, धन जुटाने की तैयारीजीएसटी सुधार से FY26 में भारत की GDP ग्रोथ 7.4% तक पहुंचेगी: NIPFPबैंकिंग घोटाले के बाद IndusInd Bank का सख्त फैसला, वेतन व बोनस रिकवर की प्रक्रिया शुरूStocks To Watch Today: Tata Motors, JSW Energy से लेकर Tata Power तक, आज किस कंपनी के स्टॉक्स में दिखेगा एक्शन; चेक करें लिस्टसरकार की कर वसूली में तेजी, लेकिन रिफंड जारी करने में सुस्तीदूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशाना

एफपीआई ने बीते सप्ताह भारतीय शेयर बाजार से 976 करोड़ रुपये निकाले

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लि. के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की।

Last Updated- December 22, 2024 | 12:20 PM IST
FPI
Representative Image

लगातार दो सप्ताह तक लिवाल रहने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों से 976 करोड़ रुपये निकाले हैं। मजबूत अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी में 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लि. के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की। पहले दो कारोबारी सत्रों (16-20 दिसंबर) के दौरान उन्होंने शेयरों में 3,126 करोड़ रुपये का निवेश किया। हालांकि, बाद में उनके रुख में बदलाव आया और उन्होंने तीन सत्रों में 4,102 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की।

इस तरह सप्ताह के दौरान उन्होंने शुद्ध रूप से 976 करोड़ रुपये की निकासी की। हालांकि, इसके बावजूद दिसंबर में एफपीआई का रुख सकारात्मक बना हुआ और उन्होंने माह के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 21,789 करोड़ रुपये डाले हैं।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक और भविष्य की नीतिगत समीक्षा के नतीजों को लेकर अनिश्चितता के बीच एफपीआई सतर्क रुख अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व ने इस साल तीसरी बार ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है, लेकिन उसने भविष्य में दरों में कम कटौती का संकेत दिया है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई और वैश्विक बाजार में बिकवाली शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऊंचे मूल्यांकन, कंपनियों के सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजों, दिसंबर के नतीजे कमजोर रहने के अनुमान, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की सुस्त रफ्तार तथा रुपये में गिरावट से विदेशी निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में मजबूती तथा 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने की वजह से एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत से संबंधित मुद्दे मसलन वृद्धि को लेकर चिंता तथा कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने की वजह से भी एफपीआई की धारणा प्रभावित हुई है। इससे पहले नवंबर में एफपीआई ने 21,612 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी।

दिलचस्प बात यह है कि सितंबर में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 57,724 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जो नौ माह का उच्चस्तर है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में अबतक एफपीआई का भारतीय शेयर बाजारों में निवेश 6,770 करोड़ रुपये रहा है।

First Published - December 22, 2024 | 12:20 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट