इस महीने लागू होने वाले टी +1 सेटलमेंट साइकल की ओर बढऩे के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) इससे जुड़ी परिचालन की दिक्कतेंं दूर करने में जुट गए हैं। टी +1 25 फरवरी से लागू हो रहा है।
ये निवेशक अपने कस्टोडियन बैंकों के जरिये क्लियरिंग कॉरपोरेशन तक पहुंचे हैं और इक्विटी ट्रेड के लिए टी +1 के दिन सुबह 9 बजे कम्फर्मेशन पर जोर दे रहे हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने संस्थागत व गैर-संस्थागत क्लाइंटों के लिए एकल ट्रेड कम्फर्मेशन की समयसीमा रखने का अनुरोध भी किया है। क्लियरिंग कॉरपोरेशन ने पिछले साल अक्टूबर में परिपत्र जारी कर कहा था कि ट्रेड के दिन सभी ट्रेड कन्फर्मेशन 7.30 बजे शाम तक हो जाना चाहिए।
चूंकि कस्टोडियन को सेटलेमेंट का निर्देश आम तौर पर 6.30 बजे शाम को मिलता है, ऐसे में एफपीआई को उसी दिन की समयसीमा में काम पूरा करने में परेशानी हो सकती है। सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया के निवेशकों को मौजूदा समयसीमा का पालन करने में शायद परेशानी हो सकती है।
टी +2 सेटलमेंट साइकल के तहत ट्रेड की पुष्टि टी +1 पर होती है, जो निवेशकों और उनके कस्टोडियन को टी +1 के दिन सुबह विदेशी मुद्रा बुक करने के लिए पर्याप्त वक्त देता है, जब विदेशी मुद्रा बाजार में तरलता होती है।
जब छोटे सेटलमेंट साइकल की शुरुआत होती तो विदेशी मुद्रा की बुकिंग ट्रेड के दिन देर शाम या फिर अगले दिन सुबह हो पाएगी। यह एक्सचेंज पर हुई इक्विटी ट्रेडिंग के सेटलमेंट की खातिर समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए है।
कस्टोडियन का अनुमान है कि टी +1 होने से 5 बजे शाम के बाद 1-1.5 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रवाह रुपये में रोजाना होगा। भारतीय समय के अनुसार 2.30 बजे के बाद विदेशी मुद्रा बाजार में नकदी व वॉल्यूम का अकाल होने लगता है।
पिछले महीने बड़े कस्टोडियन के एक समूह ने आरबीआई को आखिरी समय में डॉलर खरीद पर कदम उठाने या विदेशी बैंकों के लिए लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क में ढील देने की मांग की थी। ट्रेड के दिन शाम को डॉलर को रुपये में तब्दील करने में कस्टोडियन बैंक सक्षम नहीं हो पाते हैंतो उन्हें अतिरिक्त डॉलर उन्हें अपने मुख्यालय वापस भेजना होता है। इससे लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क की सीमा का उल्लंघन हो सकता है।
कस्टोडियन ने आरबीआई व सेबी से अनुरोध किया था कि एक्सचेंज ट्रेडेड करेंसी फ्यूचर के लिए समय बढ़ाया जाना चाहिए। केंद्रीय बैंक ने इन दोनों अनुरोधों पर अभी कोई फैसला नहींं लिया है।
विदेशी मुद्रा डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तकनीकी सलाहकार समिति ने हालांकि इस पर सहमति जताई है कि उनके सदस्यों को बाजार के सामान्य घंटों के बाद नकदी ट्रेड की अनुमति दी जानी चाहिए।
विदेशी मुद्रा डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्यों को मंगलवार को भेजे गए नोट में कहा गया है, सदस्य इस पर सहमत हो गए हैं कि एसोसिएशन के नियम संशोधित किए जा सकते हैं ताकि अधिकृत व्यक्ति बाजार के सामान्य घंटों के बाहर विदेशी मुद्रा के वैल्यू वाले नकदी कारोबार कर सकें, यह मानते हुए कि अधिकृत व्यक्ति क्लाइंट की नकदीकी ऐसी जरूरतों को लेकर संतुष्ट हो।