Ola Electric share price rise: ओला इलेक्ट्रिक के शेयर की कीमत में आई तेज उछाल ने विश्लेषकों और निवेशकों को हैरान कर दिया है। फिर भी, उनका सुझाव है कि निवेशक इस शेयर में बने रहें क्योंकि यह अभी भी शुद्ध रुप से ‘मोमेंटम’ दांव वाला शेयर बना हुआ है। 9 अगस्त को अपनी सूचीबद्धता के बाद से यह शेयर 76 रुपये के निर्गम भाव के मुकाबले 92 प्रतिशत (19 अगस्त तक) चढ़ चुका है। इसके साथ ही इसका बाजार पूंजीकरण बढ़कर 63,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इस निर्गम को 4.45 गुना बोलियां मिली थीं।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘यह आश्चर्यजनक है कि आईपीओ के दौरान नकारात्मकता और कमजोर लिस्टिंग के बावजूद यह शेयर तेजी से आगे बढ़ने में कामयाब रहा और उसने अच्छी रफ्तार बरकरार रखी है। पिछले पखवाड़े में इसके बुनियादी आधारों में कोई बदलाव नहीं आया है, इसलिए इतनी तेज उछाल का कारण खोजना मुश्किल है। हालांकि, रणनीति के तौर पर, कारोबारी या निवेशक सख्त स्टॉप-लॉस के साथ इसके उछाल के साथ बने रह सकते हैं।’
सोमवार, 19 अगस्त को ओला इलेक्ट्रिक का शेयर 10 प्रतिशत अपर सर्किट के साथ बीएसई पर 146.03 रुपये के सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। इसकी तुलना में बीएसई का सेंसेक्स 12 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। पांच कारोबारी सत्रों में ही भारी तेजी के बाद पिछले शुक्रवार को ओला इलेक्ट्रिक की सर्किट लिमिट 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत की गई थी।
डीआरचोकसी फिनसर्व में प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी के अनुसार पिछले कुछ सत्रों में ओला इलेक्ट्रिक में ज्यादातर खरीदारी की वजह बाजारों में और संस्थानों में बड़े पैमाने पर आई तरलता है, जिससे ब्लॉ क वाले नए शेयरों में निवेश बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘शेयर के मौजूदा मूल्यांकन में कई घटनाक्रम का असर दिख रहा है और मूल्यांकन हमारी नजर में काफी बढ़ गया है। आईपीओ भाव पर शेयर खरीदने वाले निवेशक कुछ मुनाफा वसूल सकते हैं और बाद में कम भाव पर इसे फिर से ले सकते हैं।’
ओला इलेक्ट्रिक के रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस (आरएचपी) के अनुसार इस शेयर का फ्री-फ्लोट लगभग 17 प्रतिशत है जबकि बाकी 82.74 प्रतिशत लॉक-इन में है। विश्लेषकों का मानना है कि शेयर के बुनियादी आधारों पर नजर बनी हुई है क्योंकि कंपनी नुकसान में है और उसका मूल्यांकन भी महंगा है। हालांकि अनुकूल बाजार धारणा के कारण फिलहाल गिरावट की आशंका नहीं है लेकिन बाजार के रुझान बदले तो इस शेयर में तेज बिकवाली हो सकती है।
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने चालू वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जुलाई तिमाही में 347 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया जबकि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में उसे 267 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। हालांकि परिचालन से राजस्व एक साल पहले के मुकाबले 32.3 प्रतिशत बढ़कर 1,644 करोड़ रुपये हो गया जबकि ऑटोमोटिव सेगमेंट का एबिटा मार्जिन -1.97 प्रतिशत रहा जो सालाना आधार पर 632 आधार अंक अधिक है।
वैश्विक ब्रोकरेज एचएसबीसी का मानना है कि ओला इलेक्ट्रिक की आगामी वृद्धि एक समान नहीं रहेगी क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पैठ की दर कंपनी की अपेक्षा से कहीं अधिक धीमी हो सकती है।ब्रोकरेज ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा, ‘कंपनी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2028 में इलेक्ट्रिक दोपहिया की पहुंच 41-56 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी जबकि हमारा मानना है कि यह वित्त वर्ष 2028 तक सिर्फ 20 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत होगी।’
यह शेयर पहले ही ब्रोकरेज के 140 रुपये के कीमत लक्ष्य को पार कर चुका है। ओला इलेक्ट्रिक ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 1,25,198 वाहनों के साथ अब तक की सबसे ज्यादा वाहन डिलिवरी भी दर्ज की जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 70,575 था।