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आठ महीने बाद इक्विटी एमएफ में दिखा शुद्ध निवेश

Last Updated- December 12, 2022 | 6:07 AM IST

इक्विटी योजनाओं में मार्च में 9,115 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। पिछले आठ महीने में इक्विटी म्युचुअल फंडों ने लगातार निकासी देखी थी जबकि शेयर बाजार में अच्छी खासी तेजी दर्ज हुई।
उद्योग की कंपनियों ने कहा कि फरवरी के सर्वोच्च स्तर से बाजार में आई गिरावट और कर बचत से जुड़े निवेश के कारण इक्विटी योजनाओं में निवेश हुआ। मार्च में इक्विटी योजनाओं से सकल निवेश निकासी 18,908 करोड़ रुपये रही। पिछले तीन महीनों में निवेश निकासी 25,000 करोड़ रुपये से लेकर 36,000 करोड़ रुपये के दायरे में रही थी।
मिरे ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी स्वरूप मोहंती ने कहा, पिछले वित्त वर्ष में लॉकडाउन के कारण चिंता पैदा हुई थी और निवेशकों ने बाजार में आ रही उछाल के कारण मुनाफावसूली जारी रखी। लेकिन अब लगता है कि लोग एमएफ की ओर लौट रहे हैं क्योंकि कोविड-19 के बाद उन्हें उम्मीद की किरण दिख रही है। उन्होंने कहा कि यह देखना बाकी है कि क्या यह सकारात्मक रुख कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच बरकरार रहता है।
इक्विटी क्षेत्र की 11 में से 9 उप-श्रेणियों में शुद्ध निवेश दर्ज हुआ और क्षेत्रीय फंडों ने 2,009 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश देखा। मिडकैप फंडों, फोकस्ड फंडों, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम और फ्लेक्सी-कैप फंडों में 1,000-1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का शुद्ध निवेश हुआ।
कुल मिलाकर इस क्षेत्र में प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां माह दर माह के आधार पर 1.6 फीसदी बढ़कर 9.79 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मार्च में सेंसेक्स में महज 0.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि निफ्टी महज 1.1 फीसदी चढ़ पाया।
मोतीलाल ओसवाल ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रमुख (बिक्री व वितरण) अखिल चतुर्वेदी ने कहा, सकल बिक्री में इजाफा और महीने में कम निवेश निकासी स्पष्ट तौर पर संकेत देता है कि कोविड के कारण अर्थव्यवस्था में नरमी का डर कम हो रहा है।
यहां तक कि एसआईपी के जरिए निवेश मार्च में बढ़कर 9,182 करोड़ रुपये रहा। एसआईपी एयूएम बढ़कर 4.27 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अन्य श्रेणियों मसलन हाइब्रिड योजनाओं व पैसिव स्कीम में भी शुद्ध निवेश हुआ।

First Published - April 9, 2021 | 12:16 AM IST

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