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डूबते बाजार में जिंदगी का हाल

Last Updated- December 07, 2022 | 7:44 AM IST

जब सेंसेक्स गोता लगाकर 14,106 अंकों के स्तर तक पहुंचा तो मकरंद कुलकर्णी का दिल और बैठ गया।


उनका पोर्टफोलियो जोकि जनवरी में 20 लाख रुपये था वह एक ही दिन में 4 प्रतिशत की एक और गिरावट के साथ 6 लाख रुपये तक आ पहुचा है। पेशे से फैशन डिजायनर, कुलकर्णी ने पिछले साल के आरंभ से शेयर बाजार में सीधे तौर पर निवेश करना शुरू किया था।

कुलकर्णी कहना है कि शेयर बाजार में कारोबार से आनेवाला मुनाफा उनकी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने का दूसरा स्त्रोत था। उन्होंने पिछले साल सिर्फ एचडीआईएल के कारोबार से औसतन प्रति सप्ताह 3,000 रुपये की कमाई की थी। फिल-हाल उनको घाटे का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनके शेयरों का मूल्य 1,432 रुपये से गिरकर 468 रुपये पहुंच गया है।

कुलकर्णी के ब्रोकर ने उसके ट्रेडिंग एकाउंट को बंद कर दिया है क्योंकि अपने कारोबार को फंड मुहैया कराने के लिए कुलकर्णी ने मार्जिन फंडिंग ऑप्शन का इस्तेमाल करते हुए ब्रोकर से उधार लिए थे। अपने घाटे को पूरा करने के  लिए कुलकर्णी अभी सेंसेक्स स्टॉक में कारोबार कर रहें हैं और इसके लिए वे अपनी पत्नी के एकाउंट का इस्तेमाल कर रहें हैं।

सरकरी नौकरी से सेवानिवृत हो चुके पवन शर्मा सीइएटी में इस सूचना केबाद निवेश करना शुरू किया कि कंपनी अपने रियल स्टेट कारोबार को बेच रही है। शर्मा ने 200 रुपये प्रति शेयर की दर शेयर खरीदा, लेकिन फिलहाल शेयरों का कारोबार 78 रुपये प्रति शेयर पर हो रहा है। हालांकि इसके बाद भी शर्मा घबराए हुए नहीं हैं और सीइएटी के और शेयर खरीदें हैं। शर्मा स्पष्ट करते हैं कि उनकेनिवेश में 30 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है उनके शेयर की कीमत 140 रुपये हो गई है।

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें आशा है कि जब बाजार में सुधार आएगा तो वो अपना घाटा पूरा कर पाने में सफल हो पाएंगे। शर्मा को उनके पोर्टफोलियो पर 10 लाख रुपये का घाटा हो चुका है। बाजार में पिछले चार वर्षों की तेजी से बहुत सारे नए निवेशक सामने आए जो शेयर बाजार में कारोबार के जरिए अपनी घरेलू आवश्यकताओं के  लिए अधिक से अधिक रुपये जुटाने की कोशिश की है।

मौजूदा हालत यह है कि कुलकर्णी की तरह ही अन्य निवेशक निराश हैं और अपने घाटे को पूरा करने की कोशिश कर रहें हैं। बाजार की यह स्थिति फिलहाल बने रहने की संभावना है। इन्वेस्टमेंट एडवाइजर एसपी तुलसियन के अनुसार कम से कम अगले और कुछ महीनें निवेशकों को आमदनी के वैकल्पिक स्त्रोत के रूप में शेयर बाजार में निवेश करने से परहेज करना चाहिए।

तुलसियन ने आगे कहा कि मुनाफे की बात तो छोड़िये, लोगों को अपने घाटे को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए और घाटा उठाने वाले मिड केप और स्मॉल केप को बाजार से हटा लेना चाहिए जिनमें कि जबरदस्त गिरावट देखी गई है। शेयर बाजार में निवेश जारी रखने के लिए दीर्घ अवधि केलिए अच्छे स्टॉक पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।

वेल्थ मैंनेजमेंट के निदेशक हितुंग्शु देवनाथ और एंजल ब्रोकिंग ने छोटे निवेशकों को शेयर बाजार में सीधे तौर पर निवेश करने से मना किया है और नियमित रूप से म्युचुअल फंड के जरिए निवेश करने की सलाह दी है।

First Published - June 26, 2008 | 10:42 PM IST

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