facebookmetapixel
Market Outlook: अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद और महंगाई डेटा से तय होगी शेयर बाजार की चालअब ChatGPT से कर सकेंगे शॉपिंग, UPI पेमेंट भी होगा तुरंत; जानें इस नए खास फीचर के बारे मेंDiwali Shopping: त्योहारों की खरीदारी? SBI के ये कार्ड देंगे बचत, कैशबैक और रिवॉर्ड्स; जानें डीटेल्सPakistan-Afghanistan War: पाक-अफगान सीमा पर फायरिंग से तनाव बढ़ा, कई चौकियां तबाहTata Capital IPO vs LG IPO: अगले हफ्ते होगी साल के दो सबसे बड़े IPO की लिस्टिंग, क्या नया रिकॉर्ड बनाएंगे टाटा और एलजी?60/40 की निवेश रणनीति बेकार…..’रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने निवेशकों को फिर चेतायाTCS में 26% तक रिटर्न की उम्मीद! गिरावट में मौका या खतरा?किसानों को सौगात: PM मोदी ने लॉन्च की ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाएं, दालों का उत्पादन बढ़ाने पर जोरECMS योजना से आएगा $500 अरब का बूम! क्या भारत बन जाएगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब?DMart Q2 Results: पहली तिमाही में ₹685 करोड़ का जबरदस्त मुनाफा, आय भी 15.4% उछला

सुस्त रिटर्न के बीच घटा कैश ट्रेडिंग वॉल्यूम

Last Updated- January 04, 2023 | 12:53 PM IST
Rupee
BS

नकदी ट्रेडिंग वॉल्यूम साल 2022 में घटा जबकि बेंचमार्क सूचकांकों ने अपने समकक्ष बाजारों के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन किया। नकदी में रोजाना औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम (एनएसई व बीएसई में) सालाना आधार पर 18 फीसदी घटकर 61,392 करोड़ रुपये रह गया। वायदा व विकल्प में रोजाना औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम एनएसई व बीएसई पर 125 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 117 फीसदी ज्यादा है।

विश्लेषकों ने कहा, भारतीय बाजारों ने हालांकि समकक्ष बाजारों के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन किया, लेकिन खुदरा निवेशकों को बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिला, जो मोटे तौर पर नकदी ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं। साल 2022 में सेंसेक्स 4.4 फीसदी चढ़ा जबकि निफ्टी-50 में 4.3 फीसदी की तेजी आई।

5पैसा कैपिटल के सीईओ प्रकाश गगडानी ने कहा, 4 फीसदी की बढ़ोतरी खुदरा निवेशकों के लिए कमाई के लिहाज से बहुत ज्यादा नहीं है। जब खुदरा निवेशक कमाई नहीं कर रहे हों तो भागीदारी घटती है। इसके अलावा पिछले दो साल में डीमैट खातों में उछाल और शानदार रिटर्न के बाद कुछ थकान भी देखने को मिली।

उतारचढ़ाव से ट्रेडरों को मदद मिलती है। निवेशकों को शेयर में बढ़त से लाभ मिलता है। उतारचढ़ाव नकदी निवेशकों को कोई मदद नहीं करता। निवेशकों को लंबी अवधि की तेजी से ही मदद मिलती है। व्यापक बाजारों में बढ़त और भी कम रही। बीएसई मिडकैप में 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि बीएसई स्मॉलकैप 1.8 फीसदी टूट गया।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक धीरज रेली ने कहा, अगर आप मिड व स्मॉलकैप पर नजर डालें तो उनमें खासी गिरावट आई है। मिड व स्मॉलकैप में खासी गतिविधियां व वॉल्यूम देखने को मिलती है। बाजारों में खासी गिरावट देखने को मिली और कई ग्राहकों को नुकसान हुआ। इसके अलावा शेयरों की डिलिवरी में भी कमी आ रही है। चाहे नकदी वॉल्यूम जितना भी हो, इंट्राडे वॉल्यूम का अनुपात बढ़ रहा है। साल 2022 में बाजारों में कोई स्पष्ट रुख नहीं था, ऐसे में लोगों ने अल्पावधि की सटोरिया गतिविधियों पर नजर डाली।

यह भी पढ़ें: Google-CCI टकराव : उद्योग की राय जुदा

रेली ने कहा कि साल के दूसरे हिस्से में इक्विटी से पूंजी निकलकर डेट की ओर जाते पाया गया। इस साल भी नकदी वॉल्यूम सुस्त बना रह सकता है। रेली ने कहा, ज्यादातर बाजारों के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन के बाद व्यापक सूचकांकों में बढ़त के मौके सीमित होते हैं। ज्यादातर ब्रोकरेज ने 19,000 से 20,500 का लक्ष्य दिया है, जिसका मतलब यह है कि मौजूदा स्तर से करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

उन्होंने कहा, इक्विटी में सीमित बढ़त को लेकर स्पष्टता और डेट में आकर्षक व जोखिम मुक्त रिटर्न की संभावना के साथ कुछ रकम वहां आएंगी। लोग डेरिवेटिव के जरिए उतारचढ़ाव के दौर में हाथ आजमा रहे हैं। बाजारों में खासी गिरावट शायद ही आएगी और नकदी वॉल्यूम कम रहेगा।

First Published - January 4, 2023 | 12:08 AM IST

संबंधित पोस्ट