फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.9% से बढ़ाकर 7.4% कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बढ़ता उपभोक्ता खर्च, बेहतर सेंटीमेंट और GST सुधारों के सकारात्मक प्रभाव के चलते ग्रोथ का अनुमान बढ़ाया गया है। एजेंसी ने कहा कि मुद्रास्फीति में गिरावट से आरबीआई को दिसंबर में रेपो दर 5.25% तक घटाने की गुंजाइश मिलेगी। रिजर्व बैंक 2025 में अब तक 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर चुका है।
फिच के अनुसार जुलाई–सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.2% पर पहुंच गई, जो अप्रैल–जून की 7.8% की वृद्धि से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया कि बाकी वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि थोड़ी धीमी हो सकती है, पर पूरे साल के लिए अनुमान को 7.4% किया गया है।
फिच ने कहा कि इस साल इकॉनमिक ग्रोथ का मुख्य इंजन प्राइवेट कंजम्प्शन है, जिसे मजबूत वास्तविक इनकम ग्रोथ, बेहतर कंज्यूमर सेंटीमेंट्स, 22 सितंबर से लागू व्यापक GST कटौती से फायदा होगा। सरकार ने 375 वस्तुओं पर GST घटाया, जिससे 99% से अधिक उपभोग वस्तुएं सस्ती हो गई हैं। फिच ने FY27 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 6.4% रहने का अनुमान लगाया है।
फिच को उम्मीद है कि फाइनैंशल कंडीशन में नरमी आने से FY27 की दूसरी छमाही में निजी निवेश बढ़ना शुरू होगा। वहीं, अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 0.3%, जो अब तक का रिकॉर्ड निचला स्तर है। इसकी मुख्य वजह खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में कमी रही।
फिच ने कहा कि घटती मुद्रास्फीति से आरबीआई दिसंबर में एक और दर कटौती कर सकता है। साथ ही, नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को 4% से 3% करने का भी चरणबद्ध प्रभाव होगा। RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) शुक्रवार को अपनी नीति समीक्षा जारी करेगी।
फिच ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति (कोर CPI) में सुधार और आर्थिक गतिविधियों की मजबूती को देखते हुए, आरबीआई का दर कटौती चक्र समाप्त हो गया है, अगले दो वर्षों तक रेपो दर 5.25% ही रहने की संभावना है।