हाल के महीनों में मिड व स्मॉलकैप शेयरों ने लार्जकैप को पीछे छोड़ दिया है क्योंकि निवेशकों ने व्यापक बाजारों का रुख किया और वे ठोस आर्थिक सुधार व महंगाई की चिंता में कमी पर दांव लगा रहे हैं।
20 जून के निचले स्तर से निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 25 फीसदी चढ़ा है, वहीं निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसकी तुलना में बेंचमार्क निफ्टी-50 में 17 फीसदी की उछाल आई है।
विश्लेषकों का मानना है कि व्यापक बाजारों में तेजी जारी रहेगी क्योंकि भारत वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बाजारों में से एक है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक व मुख्य निवेश अधिकारी जी. चोकालिंगम ने कहा, अभी काफी जान बची हुई है। 52 हफ्ते के उच्चस्तर से तेल की कीमतों में करीब 30 फीसदी की गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था व बाजारों के लिए बड़ा वरदान है। भारत तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है और बैंकिंग क्रेडिट की रिकॉर्ड रफ्तार, पूंजीगत खर्च में तेजी, मजबूत कर संग्रह और अच्छे मॉनसून का इसमें योगदान रहा है। इसे देखते हुए खुदरा निवेशक लगातार निवेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ऐसे घटनाक्रमों ने खुदरा निवेशकों को काफी सहजता मुहैया कराया है, जो बेहतर कीमत के चलते व्यापक बाजारों में सक्रिय भागीदार बन गए हैं।
देश में डीमैट खातों की संख्या अगस्त में पहली बार 10 करोड़ के पार निकल गया। पिछले महीने 22 लाख से ज्यादा नए खाते खुले, जो चार महीने का सर्वोच्च आंकड़ा है और इसे मिलाकर कुल आंकड़ा10.05 करोड़ हो गया। एनएसडीएल और सीडीएसएल के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
ऐसे में चोकालिंगम का सुझाव है कि निवेशकों को बाजार में निवेशित रहना चाहिए क्योंकि एक या दो महीने में बाजार नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के लिए तैयार है।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर भी कुछ शर्तों के साथ तेजी बरकरार रहने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि बैंकों, पूंजीगत सामान, होटल्स आदि की अगुआई में यह तेजी दर्ज हुई है, ये ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें आर्थिक सुधार का लाभ मिला है। यह व्यापक आधारित तेजी नहीं है, ऐसे में निवेशकों को सावधानी से शेयर का चयन करना चाहिए।
बीएसई 500 के 460 से ज्यादा शेयरों ने जून के निचले स्तर के बाद से सकारात्मक रिटर्न दिया है, जिसकी अगुआई अदाणी ट्रांसमिशन (95.29 फीसदी की उछाल), ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया (84.42 फीसदी), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (72.5 फीसदी) और अदाणी टोटाल गैस (69 फीसदी) ने की है।
40 फीसदी से ज्यादा रिटर्न देने वाले शेयरों में मोटे तौर पर हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां, बैंक, खुदरा (क्लॉदिंग व फुटवियर), क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स, टिकाऊ उपभोक्ता व ऑटो एंसिलियरी शामिल हैं।
मूल्यांकन की नहीं चिंता
हालिया तेजी के बाद निफ्टी मिडकैप 100 अब लार्जकैप के मुकाबले 18 फीसदी प्रीमियम यानी 23.2 गुने पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 लार्जकैप के मुकाबले 12 फीसदी छूट यानी 17.2 गुने पर कारोबार कर रहा है।
हालांकि विश्लेषकों ने कहा कि बढ़त के परिदृश्य को देखते हुए मूल्यांकन सहज बना हुआ है और संबंधित शेयरों में खासी उछाल आई है।
एंबिट कॉफी केन पीएमएस के फंड मैनेजर मनीष जैन ने कहा, मजबूत आय के दम पर वैश्विक समकक्षों के मुकाबले भारतीय बाजार का मूल्यांकन निश्चित तौर पर प्रीमियम पर है। हम आय में दो अंकों की सतत बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं और इस लिहाज से मूल्यांकन सही नजर आ रहा है। जोखिम-प्रतिफल का मामला संतुलित दिख रहा है। हम निवेशकों को गिरावट में खरीदारी की सलाह देंगे। चोकालिंगम ने कहा, काफी ऐसे क्षेत्र हैं जो व्यापक बाजारों में मूल्यांकन सहजता की पेशकश करते हैं। उन्होंने कहा, बीमा कंपनियों में एचडीएफसी लाइफ आकर्षक नजर आ रही है, साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले पीएसयू बैंक भी समायोजित बुक वैल्यू से नीचे हैं। कुछ दवा कंपनियां भी मौजूदा स्तर पर और खरीद का मौका दे रही हैं।