बॉन्ड बाजार में शुक्रवार को भारी उतार-चढ़ाव रहा। डीलरों ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसलों के बाद ऐसी अस्थिरता अगस्त 2022 के बाद से लगभग 3 वर्षों में पहली बार सबसे अधिक रही है। कई आश्चर्यजनक कदमों ने बाजार को चौंकाया।
समिति ने नीतिगत रीपो दर में 50 आधार अंक की कटौती का फैसला किया जबकि आम राय 25 आधार अंक कटौती की थी। रुख भी बदलकर तटस्थ कर दिया। यह एक और आश्चर्यचकित करने वाला फैसला था क्योंकि पिछली बैठक में रुख तटस्थ से बदलकर अनुकूल किया गया था। इसके अलावा सीआरआर जरूरतों को चरणबद्ध तरीके से 100 आधार अंक घटाने का फैसला किया गया।
शुक्रवार को कारोबार के दौरान बेंचमार्क यील्ड 15 आधार अंक बढ़ा जो 5 अगस्त, 2022 के बाद सबसे ऊपर का स्तर है। तब एक दिन में यील्ड 21 आधार अंक बढ़ा था। तटस्थ रुख में बदलाव के बाद 10 साल के बॉन्ड ने बाद में कुछ बढ़त गंवा दी। बेंचमार्क बॉन्ड ने कारोबार के अंत तक सभी बढ़त खत्म कर दगी और वह 6.29 प्रतिशत पर बंद हुआ जो पिछले बंद 6.25 प्रतिशत के मुकाबले 4 आधार अंक अधिक है।
पीएनबी गिल्ट्स में वरिष्ठ कार्यकारी वाइस प्रेसीडेंट विजय शर्मा ने कहा, ‘रीपो दर में अप्रत्याशित कटौती से शुरुआत में बॉन्ड में तेजी आई। लेकिन नीतिगत रुख में बदलाव की बात से बाजार भौंचक रह गया। सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के ताज्जुबों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। सीआरआर में कटौती से फिर राहत मिली, लेकिन सारे नीतिगत कदम तभी घोषित कर दिए गए और भविष्य में आरबीआई की ओर से कदम उठाने का कोई संकेत नहीं मिला तो तो बाजार ने पोजीशन बेचनी शुरू कर दीं।’
कम अवधि वाले खासकर 5 साल तक के सेगमेंट में एसएलआर और गैर एसएलआर (कॉर्पोरेट बॉन्ड) श्रेणी दोनों में ही बेहतर प्रदर्शन रहा है। फंडिंग लागत में कमी के कारण ऐसा हुआ।