अमेरिका स्थित निजी इक्विटी दिग्गज बेन कैपिटल (Bain Capital) भारत में अपने पांच अरब डॉलर तक के फंड का 20 प्रतिशत निवेश करने की योजना बना रही है ताकि देश में बढ़ते अवसरों का भुनाया जा सके। एशिया स्पेशल सिचुएशंस के साझेदार और स्पेशल सिचुएशंस प्रमुख सरित चोपड़ा ने बातचीत के दौरान यह जानकारी दी।
कंपनी को भारतीय रियल एस्टेट, वित्तीय सेवाओं और लॉजिस्टिक्स सहित बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में काफी अवसर दिख रहे हैं। चोपड़ा ने कहा ‘बेन कैपिटल साल 2008 से भारत में मौजूद है और उसने पीरामल एंटरप्राइजेज के साथ इंडिया रिसर्जेंस फंड नामक संयुक्त उद्यम में 62.9 करोड़ डॉलर के स्पेशल सिचुएशंस फंड में निवेश किया है।’
चोपड़ा ने कहा ‘हमें भारत में इंटरनेट की पैठ की थीम भी पसंद है। उन्होंने कहा कि साल 2008 से बेन भारत में अब तक दो अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है और कुछ निवेशों से सफलतापूर्वक बाहर निकल गई है। अन्य निजी इक्विटी की तरह बेन पूरे क्षेत्र में निवेश में विविधता ला रही है, जिसमें भारत भी शामिल है क्योंकि एशिया आधारित निजी इक्विटी फंडों के लिए चीन में निवेश कम आकर्षक होता जा रहा है।
पिछले साल जुलाई में बेन ने एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) टाइगर कैपिटल का अधिग्रहण किया था, जिसे पहले अदाणी कैपिटल के नाम से जाना जाता था। इसकी हाउसिंग फाइनैंस इकाई को भी अदाणी परिवार से अज्ञात राशि में खरीदा गया था।
टाइगर कैपिटल के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी गौरव गुप्ता ने कहा कि कंपनी की सादगी, स्फूर्ति और आत्मविश्वास दिखाने के लिए कंपनी की ब्रांडिंग बदलकर टाइगर कैपिटल कर दिया गया है। गुप्ता ने कहा कि ब्रांडिंग में ‘टाइगर’ का ‘वाई‘ अक्षर ‘यू’ (ग्राहक) को दर्शाता है, ताकि दिखाया जा सके कि संगठन ग्राहक पर केंद्रित है।
बेन ने भारत में अपने नेटवर्क का विस्तार करने के लिए टाइगर में 1,000 करोड़ रुपये की पूंजी लगाने की प्रतिबद्धता जताई है। अतिरिक्त पूंजी के निवेश के साथ नेटवर्थ 2,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी तथा लीवरेज दो गुना से भी कम हो जाएगा।
गुप्ता ने कहा ‘इस पूंजी आधार के साथ आज 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की समेकित प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (AUM) से हमारे पास अगले तीन से चार साल में 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये तक बढ़ने के लिए पर्याप्त साधन हैं।’ गुप्ता ने कहा ‘भारत में बड़े अवसर हैं। अगले पांच वर्षों में हमें यहां से चार गुना वृद्धि करने में सक्षम होना चाहिए।’