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Asian markets: टैरिफ की तलवार लटक रही है, क्या गिरेंगे एशियाई बाजार और डॉलर?

ट्रंप की टैरिफ धमकी और अमेरिकी नौकरी आंकड़ों से पहले बाजारों में फैली बेचैनी, निवेशक कर रहे हैं बड़े फैसलों का इंतजार

Last Updated- June 02, 2025 | 7:56 AM IST
Asian Markets

हफ्ते की शुरुआत में एशियाई शेयर बाजारों ने सोमवार को सावधानी के साथ शुरुआत की। इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिका की बदलती टैरिफ (आयात शुल्क) नीति और इसी हफ्ते आने वाले अहम अमेरिकी जॉब डेटा और यूरोप में ब्याज दरों में संभावित कटौती रही। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार देर रात धमकी दी कि वे 4 जून से आयातित स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% कर देंगे। यह फैसला अचानक आया, जिससे यूरोपीय यूनियन के साथ बातचीत और भी तनावपूर्ण हो गई है।

चीन से बातचीत की तैयारी, कोर्ट की रोक को व्हाइट हाउस ने किया नजरअंदाज

ट्रंप सरकार के वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने रविवार को बताया कि ट्रंप जल्द ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलकर महत्वपूर्ण मिनरल्स को लेकर विवाद सुलझाने की कोशिश करेंगे। वहीं एक अमेरिकी कोर्ट ने हाल ही में यह कहा कि ट्रंप ने सभी ट्रेड पार्टनर्स पर टैरिफ लगाकर अपनी अधिकार सीमा पार की है। लेकिन व्हाइट हाउस के अधिकारी इस फैसले को नजरअंदाज कर रहे हैं।

जेपी मॉर्गन के चीफ इकोनॉमिस्ट ब्रूस कैस्मन के अनुसार, “यह कोर्ट का फैसला आगे रास्ता थोड़ा कठिन बना सकता है, लेकिन सरकार के पास अभी भी बहुत से विकल्प हैं जिससे वो अपनी टैरिफ नीति को आगे बढ़ा सकती है।”

बाजार की नजर अब बुधवार पर, क्या सच में 50% टैरिफ लागू होंगे?

बाजार इस हफ्ते सबसे ज्यादा इस बात पर नज़र रखेगा कि क्या ट्रंप बुधवार को वाकई 50% टैरिफ लागू करेंगे या पिछली बार की तरह इसे टाल देंगे। फिलहाल बाजारों में सतर्कता का माहौल बना हुआ है। MSCI का एशिया-पैसिफिक इंडेक्स स्थिर रहा, जापान का निक्केई 1.1% गिरा और दक्षिण कोरिया का बाजार 0.1% फिसला।

अमेरिकी S&P 500 फ्यूचर्स 0.2% और Nasdaq फ्यूचर्स 0.3% गिरे। हालांकि मई में Nasdaq ने 9.6% की शानदार बढ़त दर्ज की थी।

अर्थव्यवस्था में झटके, लेकिन GDP अभी भी तेज़

टैरिफ के डर से पहली तिमाही में आर्थिक मंदी देखी गई, लेकिन दूसरी तिमाही में आयात घटने से GDP में उछाल आ सकता है। अटलांटा फेड का GDPNow अनुमान 3.8% सालाना दर दिखा रहा है, हालांकि ज्यादातर जानकार मानते हैं कि यह साल के दूसरे हिस्से में धीमा हो जाएगा।

रोज़गार डेटा अहम, फेड की नजर बेरोज़गारी पर

इस हफ्ते अमेरिका का मैन्युफैक्चरिंग और जॉब डेटा बेहद महत्वपूर्ण रहेगा। मई में 1.30 लाख नई नौकरियों की उम्मीद है और बेरोज़गारी दर 4.2% बनी रहने की संभावना है। अगर बेरोज़गारी बढ़ती है, तो यह फेडरल रिज़र्व को ब्याज दरों में कटौती पर विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है। अभी जून और जुलाई में कटौती की उम्मीद नहीं है, लेकिन सितंबर में 75% संभावना मानी जा रही है।

इस हफ्ते यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) की बैठक में ब्याज दरों में 0.25% की कटौती लगभग तय मानी जा रही है। जुलाई में एक और कटौती के संकेत मिल सकते हैं। कनाडा का सेंट्रल बैंक बुधवार को बैठक करेगा। बाजार मानता है कि वहां की ब्याज दर 2.75% पर स्थिर रखी जाएगी, लेकिन आगे की रणनीति नरम रह सकती है क्योंकि टैरिफ से वहां भी मंदी का खतरा है।

डॉलर में कमजोरी, सोना और तेल में उछाल

अमेरिकी डॉलर सोमवार को जापानी येन के मुकाबले 0.2% गिरकर 143.79 पर पहुंचा। यूरो थोड़ा बढ़कर 1.1353 डॉलर पर रहा। कनाडाई डॉलर के मुकाबले डॉलर 0.1% गिरकर 1.3727 पर आ गया, हालांकि ट्रंप ने कनाडा पर भी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। कमजोर डॉलर और टैरिफ के डर से सोने की कीमत 0.6% बढ़कर 3,310 डॉलर प्रति औंस हो गई।

तेल की कीमतों में भी उछाल आया क्योंकि OPEC+ ने जुलाई में उत्पादन में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया। ब्रेंट क्रूड $1.07 बढ़कर $63.85 प्रति बैरल हो गया, जबकि अमेरिकी क्रूड $1.18 बढ़कर $61.95 प्रति बैरल पर पहुंच गया। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published - June 2, 2025 | 7:49 AM IST

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