दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi NCR) की वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए केंद्र द्वारा गठित समिति ने प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता (air quality) में आई गिरावट के बीच सोमवार को चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत कई प्रतिबंधों को प्रभावी कर दिया।
दिल्ली में सोमवार अपराह्न दो बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 367 दर्ज किया गया। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण अक्सर नवंबर से जनवरी तक खराब वायु गुणवत्ता बनी रहती है। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘‘ हवाओं की मंद गति और बहुत कम ऊंचाई पर प्रदूषकों के जमाव सहित अत्यधिक प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों की वजह से दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी के उच्च स्तर पर पहुंच गया है, चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना पर समिति की उप-समिति ने तत्काल प्रभाव से पूरे एनसीआर में संशोधित ग्रैप अनुसूची (शुक्रवार को जारी) के तीसरे चरण को लागू करने का फैसला किया है।’’
संशोधित कार्ययोजना के अनुसार, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में विद्यालयों को अनिवार्य रूप से जीआरएपी-3 के तहत पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई ‘हाइब्रिड मोड’ में संचालित करानी होगी। विद्यार्थियों और अभिभावकों के पास जहां भी ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध होगा, उसे चुनने का विकल्प होगा।
ग्रैप के तीसरे चरण के तहत दिल्ली में बीएस-4 या उससे पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल से चलने वाले मध्यम आकार के मालवाहक वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-4 या उससे पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल हल्के वाणिज्यिक वाहनों को भी शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। पूर्व में ऐसे प्रतिबंध केवल बीएस-3 वाहनों पर ही लागू होते थे। दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में जीआरएपी-3 तहत बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों पर लगाए गए प्रतिबंधों से दिव्यांगों को छूट दी गई है।
दिल्ली और एनसीआर की राज्य सरकारों को तीसरे चरण के तहत सार्वजनिक कार्यालयों और नगर निकायों के कर्मचारियों के आने और जाने के समय में अंतर करने का निर्देश दिया गया है। केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर में केंद्र सरकार के कार्यालयों के लिए भी इसी तरह के समय में अंतर करने का फैसला कर सकती है। सर्दियों के दौरान, दिल्ली में ग्रैप के तहत प्रतिबंध लागू किए जाते हैं। इसके तहत वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है।