भारत में कोविड-19 संक्रमण के मामले अचानक बढ़ने लगे हैं। आज सुबह देश में 3,016 नए मामले दर्ज हुए जो बुधवार की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक थे। तो क्या भारत में कोविड-19 महामारी की नई लहर दस्तक दे चुकी है? इस सवाल पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत कोविड महामारी की नई लहर से गुजर रहा है मगर कुछ विशेषज्ञों की राय में संक्रमण के मामले बढ़े जरूर हैं किंतु जल्द ही थम जाएंगे।
भारत में संक्रमण दर इस समय 2.73 प्रतिशत है। मगर इससे बुरी तरह प्रभावित रहे महाराष्ट्र के सोलापुर में बुधवार को दर 20.05 प्रतिशत और सांगली में दर 17.47 प्रतिशत दर्ज की गई। 100 लोगों की जांच करने पर जितने लोग संक्रमित पाए जाते हैं, उस संख्या को ही संक्रमण दर कहते हैं।
चिंता की बात यह है कि करीब 4 हफ्ते पहले महाराष्ट्र में संक्रमण दर केवल 1.05 प्रतिशत थी मगर 22 मार्च और 28 मार्च के बीच यह बढ़कर यह 6.15 प्रतिशत हो गई।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य सचिव संजय खंडारे ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि आरटी-पीसीआर में संक्रमित पाए गए लोगों की जीनोम सीक्वेंसिंग पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘ओमीक्रोन का एक नया स्वरूप- एक्सबीबी.1.16- सामने आया है, जिसके कारण कुछ जिलों में मामले बढ़ रहे हैं।’ महाराष्ट्र में आज कोविड के 694 नए मामले दर्ज किए गए मगर किसी की मौत नहीं हुई। राज्य में संक्रमण के सबसे ज्यादा 846 सक्रिय मामले मुंबई में पाए गए। उसके बाद पुणे में 773 और ठाणे में 524 सक्रिय मामले हैं।
कुछ विशेषज्ञ मान रहे हैं कि देश कोविड महामारी की नई लहर का सामना कर रहा है। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के कोविड कार्यबल के को-चेयरमैन (राष्ट्रीय) राजीव जयदेवन कहते हैं, ‘यह लहर भर है। फिलहाल इसकी गंभीरता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। मगर सभी वैरिएंट ओमीक्रोन के हैं, इसलिए हमें लगता है कि यह पिछली लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। केरल में एक्सबीबी.1.16 के ज्यादा मामले नहीं हैं। नए वैरिएंट पर नजर रखने के लिए राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग पर अधिक जोर देना चाहिए।’
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि नए मामले कुछ समय तक बढ़ेंगे मगर फिर इनमें कमी आनी शुरू हो जाएगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर में प्राध्यापक महिंद्र अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘कोविड के मामले कुछ दिनों पहले तक काफी कम आ रहे थे। अब मामले थोड़े बढ़े हैं, इसलिए पहले की तुलना में ज्यादा लग रहे हैं। जैसे ही इनकी दैनिक संख्या 10,000 के पार जाएगी, इनमें तेजी से कमी आने लगेगी।’ अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा स्थिति लहर में तब्दील नहीं हो सकती और कुछ समय तक बढ़ने के बाद मामले कम हो सकते हैं।
केरल में बुधवार को 215 नए मामले आए। राज्य सरकार ने सभी जिलों के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए हैं।
तो क्या लोगों में संक्रमण नए वैरिएंट के कारण बढ़ रहा है या लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है? विषाणु विज्ञानियों का कहना है कि जो लोग संक्रमित हो रहे हैं उनसे जुड़ी जानकारी इकट्ठी करनी चाहिए तभी पता लग पाएगा कि प्रतिरोधक क्षमता तो नहीं घट रही। जाने-माने विषाणु विज्ञानी जैकब जॉन ने कहा कि जिन लोगों ने बूस्टर खुराक नहीं ली, उनका कोविड-19 महामारी से संक्रमित होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। जॉन ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और पहले से किसी न किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को दूसरी बूस्टर खुराक देनी ही चाहिए। जयदेवन का कहना है कि स्वस्थ लोगों को बूस्टर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
चिकित्सकों का कहना है कि उनके पास कोविड के गंभीर मामले नहीं आ रहे हैं। जो मामले आ रहे हैं उनमें तेज बुखार और श्वसन नली के ऊपरी हिस्से में संक्रमण के लक्षण हैं। ज्यादातर लोगों ने बूस्टर खुराक ले ली है। दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में पिछले दो सप्ताहों में कोविड के दो मरीज भर्ती कराए गए हैं। दोनों बुजुर्ग हैं और सघन चिकित्सा कक्ष में रखे गए हैं। फोर्टिस हॉस्पिटल में निदेशक एवं विभागाध्यक्ष (पल्मोनोलॉजी) डॉ विकास मौर्य ने कहा, ‘मरीजों में प्रतिरोध क्षमता कम हो रही है। इनफ्लुएंजा में हर साल टीके के लिए विषाणु के नए वैरिएंट देखे जाते हैं। हमें तय करना होगा कि कोविड के मामले में भी तो ऐसा करने की जरूरत नहीं है।’
इस बीच दिल्ली सरकार ने कहा है कि संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक होने के बाद भी मामले अधिक नहीं आ रहे हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा,’हमने कोविड के लक्षण वाले सभी मरीजों को मास्क पहनने की सलाह जारी की है।’