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मिलावटी पनीर-खोया पर FSSAI सख्त, होटल-रेस्तरां में उपयोग रोकने के दिए निर्देश

यह कदम सोशल मीडिया चैनलों द्वारा एगोज द्वारा बेचे गए अंडों में एओजेड (एमिनो-ऑक्साजोलिडिनोन) के अंश होने का दावा किए जाने के बाद उठाया गया है

Last Updated- December 17, 2025 | 11:33 PM IST
dairy product
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी राज्य नियामकों को निर्देश दिया है कि होटल, पब और रेस्तरां आदि में कहीं भी खाद्य सामग्री तैयार करने के लिए मिलावटी खोया और पनीर का इस्तेमाल न होने पाए। इस संबंध में संबं​धित अ​धिकारियों, होटल-रेस्तरां संघों को सतर्कता बतरने को कहा गया है।

इस बीच, नियामक के क्षेत्रीय कार्यालय ब्रांडेड और गैर-ब्रांडेड अंडे के नमूने एकत्र कर रहे हैं ताकि जांच कर पता लगाया जा सके कि इनमें कहीं नाइट्रोफ्यूरन तो मौजूद नहीं है। इनकी जांच 10 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं में की जाएगी।

यह कदम सोशल मीडिया चैनलों द्वारा एगोज द्वारा बेचे गए अंडों में एओजेड (एमिनो-ऑक्साजोलिडिनोन) के अंश होने का दावा किए जाने के बाद उठाया गया है।  एओजेड नाइट्रोफ्यूरन एंटीबायोटिक दवाओं से जुड़ा है, जिसके उपयोग पर भारत में प्रतिबंध है। मिलावट के खिलाफ अभियान के बारे में एफएसएसएआई के अधिकारियों ने कहा कि हाल के दिनों में देश भर में डेरी उत्पादों में मिलावट और गलत ब्रांडिंग के कई मामले सामने आए हैं।

सूत्रों ने कहा, ‘ऐसे उत्पादों का निर्माण अक्सर अवैध और बिना लाइसेंस वाली इकाइयां करती हैं। यह उपभोक्ताओं के लिए गंभीर जोखिम होता है। उन्होंने यह भी कहा कि मिलावटी उत्पादों को वास्तविक डेरी वस्तुओं के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत करना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम और संबंधित नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

एफएसएसएआई ने मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत दूध, पनीर और खोया के नमूने लेने और व्यवसायों की लाइसेंसिंग और पंजीकरण की स्थिति को सत्यापित करने का सख्त निर्देश जारी किया है। एजेंसी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी कहा है कि खाद्य सुरक्षा अनुपालन प्रणाली पर सभी डेटा तुरंत अपलोड किया जाए।

First Published - December 17, 2025 | 10:54 PM IST

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