अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी सिनेमा को पहचान दिलाने वाली मशहूर अदाकारा कामिनी कौशल का निधन हो गया है। वह 98 वर्ष की थीं। उन्होंने मुंबई स्थित अपने घर में शुक्रवार को अंतिम सांस ली। फिल्म ‘नीचा नगर’ से 1946 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली कामिनी 2022 तक बॉलीवुड में सक्रिय रहीं, जब उन्होंने आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में अभिनय किया था। इस तरह वह फिल्मों में 76 साल तक सक्रिय रहीं। उसके बाद से उनकी गतिविधियां सीमित होती गईं।
वर्ष 1940 के दशक के अंत और 1950 की शुरुआत में फिल्म उद्योग में सबसे अधिक फीस लेने वाली अभिनेत्रियों में शुमार कामिनी कौशल ने दिलीप कुमार, देव आनंद और राज कपूर की तिकड़ी के साथ काम किया। परिवार के एक करीबी मित्र साजन नारायण ने बताया, ‘गुरुवार देर रात मुंबई स्थित घर में कामिनी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। फरवरी में वह 99 वर्ष की होने वाली थीं।’ कामिनी कौशल का जन्म 24 फरवरी, 1927 को लाहौर में हुआ था और उनका उस समय नाम उमा कश्यप था।
कामिनी वह अभिनेत्री थीं, जिन्होंने बॉलीवुड को कान फिल्म फेस्टीवल तक पहुंचाया। उनकी फिल्म ‘नीचा नगर’ ने 1946 में कान फिल्म फेस्टिवल में ‘ग्रां प्री डू फेस्टिवल इंटरनैशनल डू फिल्म’ पुरस्कार जीता था।
नीचा नगर की सफलता के बाद कामिनी कौशल ने हिंदी सिनेमा की तिकड़ी दिलीप कुमार, देव आनंद और राज कपूर के साथ जेल यात्रा, दो भाई, आग, शहीद, नदिया के पार, जिद्दी, शबनम तथा आरजू जैसी फिल्मों में बड़ी भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने फिल्म निर्माता बिमल रॉय की 1954 की फिल्म ‘बिराज बहू’ में मुख्य भूमिका निभाई, जिसने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता और उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। कामिनी कौशल ने प्रेमचंद के प्रसिद्ध उपन्यास ‘गोदान’ के फिल्म रूपांतरण में भी मुख्य भूमिका निभाई थी।