मध्य प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति के अनुसार आगामी एक अप्रैल से प्रदेश में घोषित पवित्र क्षेत्रों में मदिरा दुकानें बंद कर दी जाएंगी। नीति में रेस्तरां-बार के लिए एक नई श्रेणी ‘लो एल्कोहलिक बीवरेज बार’ का प्रावधान है जिसके तहत बीयर, वाई और रेडी टु ड्रिंक श्रेणी की वह मदिरा पिलाई जाएगी जिसमें अल्कोहल की मात्रा 10 फीसदी या उससे कम हो। ऐसे बार में हार्ड ड्रिंक पिलाना प्रतिबंधित रहेगा।
जिन शहरों को पवित्र मानते हुए मदिरा दुकानें बंद की गई हैं वे हैं- उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, अमरकंटक, सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, बरमान खुर्द, कुंडलपुर और बांदकपुर। नई नीति के तहत एक अप्रैल 2025 से इन क्षेत्रों में किसी भी वाइन आउटलेट के लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे न ही पुरानी दुकानें संचालित होंगी।
वाइन शॉप के साथ एयरपोर्ट पर भी बिकेगी हेरिटेज मदिरा
नीति के मुताबिक आदिवासी समुदायों को ध्यान में रखते हुए वाइन शॉप पर वाइन और हेरिटेज मदिरा की बिक्री की जाएगी। एयरपोर्ट पर भी हेरिटेज मदिरा बेची जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार ने चार साल पहले आदिवासी समुदायों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए हेरिटेज मदिरा बनाने की घोषणा की थी। यह महुआ के चुने हुए फूलों से बनी एक पारंपरिक शराब है जिसे आदिवासी स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाया जाता है। हेरिटेज शराब बनाने वाली इकाइयां जो शराब बनाएंगी उसे राज्य सरकार के मूल्य वर्धित कर से मुक्त रखा जाएगा।
नई नीति में कहा गया है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर एयरपोर्ट की तरह प्रदेश के अन्य व्यावसायिक उड़ानें संचालित करने वाले एयरपोर्ट पर भी विदेशी मदिरा काउंटर खोले जा सकेंगे। आगमन और प्रस्थान द्वार पर एक-एक काउंटर खोला जा सकेगा।
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