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लखनऊ की चिकनकारी से जुड़े कारीगरों, उद्यमियों व श्रमिकों की बेहतरी के लिए IIM Indore देगा सुझाव

चिकन उत्पादों को बेहतर बाजार दिलाने व उसकी मांग और चलन के मुताबिक इसकी डिजाइन व गुणवत्ता में सुधार को लेकर भी सुझाव दिए जाएंगे।

Last Updated- September 22, 2023 | 5:02 PM IST
lucknow chikankari

देश और दुनिया में मशहूर लखनऊ की चिकनकारी से जुड़े कारीगरों, उद्यमियों व श्रमिकों की बेहतरी के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) इंदौर आगे आया है।

आईआईएम इंदौर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिकन कारीगरों की आय बढ़ाने, पलायन रोकने, उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने व डिजाइन सहित गुणवत्ता में सुधार को लेकर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा व जरुरी सुझाव देगा। लखनऊ चिकन के लोकर अध्ययन कर रही टीम का नेतृत्व आईआईएम इंदौर के निदेशक हिमांशु राय स्वयं कर रहे हैं जबकि उनके साथ प्रोफेसर भवानी शंकर और नवीन कृष्ण राय शामिल हैं।

हाल ही में प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत चयनित उत्पादों को बढ़ावा देने के अभियान के तहत लखनऊ की चिकनकारी को बढ़ावा देने संबंधी अध्ययन व रिपोर्ट तैयार करने के लिए जिला प्रशासन ने आईआईएम इंदौर के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद इन दिनों आईआईएम इंदौर के विशेषज्ञों की टीम लखनऊ में चिकन उद्यमियों से लेकर कारीगरों व बाजारों में जाकर बातचीत कर दिक्क़तों को समझने व अध्ययन का काम कर रही है।

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आईआईएम इंदौर के विशेषज्ञों की टीम में शामिल एक सदस्य ने बताया कि इसी साल के अंत तक लखनऊ की चिकनकारी पर रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। उन्होंने बताया कि देखने में आया है कि कम आय के चलते बहुत से चिकन कारीगर अपना काम छोड़ देते हैं और दूसरे काम करने लगते हैं। इसके साथ ही चिकन उत्पादों को बेहतर बाजार दिलाने व उसकी मांग और चलन के मुताबिक इसकी डिजाइन व गुणवत्ता में सुधार को लेकर भी सुझाव दिए जाएंगे। उनका कहना है कि आईआईएम का खास ध्यान इस बात पर है कि कैसे चिकनकारी के काम में संलग्न कारीगरों की आय बढ़ाई जा सके। चिकनकारी के हालात को जानने और समस्याओं को समझने के लिए आईआईएम की टीम लखनऊ में न केवल उद्यमियों से मिल रही है बल्कि चिकन कारखानों में जाकर कारीगरों से बात कर रही है और बाजार का भी अध्ययन कर रही है।

लघु उद्यम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ की चिकनकारी को ओडीओपी में शामिल करते हुए इसके लिए बाजार उपलब्ध कराने, वित्त पोषण करने के साथ कारीगरों की बेहतरी के लिए काम शुरू किया है। इसी के तहत आईआईएम इंदौर जैसी प्रतिष्ठित व विशेषज्ञ संस्था का सहयोग लिया जा रहा है। चिकन उद्योग से जुड़े लोगों को आसानी से पूंजी मिल सके और उनके उत्पादों में सुधार हो सके, इसके लिए भी आईआईएम इंदौर के सुझाव लिए जा रहे हैं।

First Published - September 22, 2023 | 5:02 PM IST

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