facebookmetapixel
टाटा म्यूचुअल फंड ने सिल्वर ETF फंड-ऑफ-फंड में नए निवेश की सुविधा फिर से शुरू कीअगर यात्रा के दौरान चलती ट्रेन से आपका फोन हाथ से गिर जाए तो आपको क्या करना चाहिए?Dr Reddy’s Q2 Results: मुनाफा 14.5% बढ़कर ₹1,437.2 करोड़ पर पहुंचा, आय बढ़कर ₹8,805 करोड़ परकहीं आप फर्जी दवा तो नहीं ले रहे? CDSCO की जांच में मिला नकली कफ सिरप और 112 कम क्वालिटी वाली दवाएंभारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है फाइनल, अधिकारी कानूनी दस्तावेज तैयार करने में जुटेसरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा! इस राज्य सरकार ने DA-DR बढ़ाने का किया ऐलान, जानें डिटेलऑफिस किराए में जबरदस्त उछाल! जानें, दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु – किस शहर में सबसे तेज बढ़े दाम?HUL vs Nestle vs Colgate – कौन बनेगा FMCG का अगला स्टार? जानें किस शेयर में है 15% तक रिटर्न की ताकत!EPF खाताधारकों को फ्री में मिलता है ₹7 लाख का कवर! जानें इस योजना की सभी खासियतPiyush Pandey Demise: ‘दो बूंद जिंदकी की…’ से लेकर ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ तक, पीयूष पांडे के 7 यादगार ऐड कैम्पेन

जेनसोल और ब्लूस्मार्ट को अदालत से फिर मिला झटका

अभी तक अदालत ने जेनसोल और ब्लूस्मार्ट को 490 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तीसरे पक्ष का अधिकार बनाने से रोक दिया है।

Last Updated- May 07, 2025 | 10:55 PM IST
EV expansion plans accelerate, efforts by cab service companies EV विस्तार योजनाओं में तेजी, कैब सेवा देने वाली कंपनियों की कवायद

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेनसोल और इलेक्ट्रिक राइड हेलिंग स्टार्टअप ब्लूस्मार्ट को एसएमएएस ऑटो लीजिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और शीफास्टेक ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड से पट्टे पर लिए गए 220 इलेक्ट्रिक वाहनों का तीसरे पक्ष का अधिकार बनाने से रोक दिया है।

यह दो हफ्ते से भी कम समय में एक ही पीठ के समक्ष पट्टेदारों की ओर से दाखिल तीसरी और चौथी याचिका है। अभी तक अदालत ने जेनसोल और ब्लूस्मार्ट को 490 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तीसरे पक्ष का अधिकार बनाने से रोक दिया है।

एसएमएएस ऑटो ने जेनसोल को 164 और ब्लूस्मार्ट को 46 इलेक्ट्रिक वाहन पट्टे पर दिए थे। शीफास्टेक ने 10 वाहनों को पट्टे पर दिया था। पट्टेदारों ने दावा किया है कि दोनों कंपनियों ने किराया और बेड़ा प्रबंधन शुल्क का भुगतान नहीं किया है। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने वाहनों की निगरानी के लिए कोर्ट रिसीवर नियुक्त किए हैं।

पट्टेदारों ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 9 के तहत याचिकाएं दाखिल की थी। इसके तहत न्यायालय मध्यस्थता कार्यवाही से पहले, इस दौरान और उसके बाद भी संबंधित पक्षों अंतरिम राहत दे सकता है, लेकिन बशर्ते उस पर अमल नहीं किया गया हो।  हालांकि, पट्टेदारों के वाहन वापस लेने की मांग करने पर अदालत ने कहा कि धारा-9 के तहत ऐसी राहत नहीं है।

जेनसोल और ब्लूस्मार्ट को दो दिन में पट्टे पर लिए गए इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिति बताने के लिए रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है। उन्हें अपनी संपत्तियों और देनदारियों पर भी अदालत को रिपोर्ट देनी होगी।

न्यायालय ने 25 अप्रैल को जेनसोल इंजीनियरिंग और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी को जापानी वित्तीय सेवा समूह ओरिक्स द्वारा पट्टे पर दिए गए 175 इलेक्ट्रिक वाहनों पर तीसरे पक्ष का अधिकार बनाने से रोक दिया था।

First Published - May 7, 2025 | 10:40 PM IST

संबंधित पोस्ट