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घर से काम भविष्य की जरूरत

Last Updated- December 11, 2022 | 4:17 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि घर से काम करने की सुविधा, लचीले कार्यस्थल  और काम के घंटों में लचीलापन भविष्य की जरूरत है। साथ ही त्वरित निर्णय लेने और उन्हें तेज गति से लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाया जा सके। 
 

प्रधानमंत्री ने राज्यों के श्रम मंत्रियों और सचिवों के दो दिन के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा, ‘हम महिला श्रमशक्ति के लिए अवसर पैदा करने को लेकर लचीले कार्यस्थलों जैसी प्रणालियों का उपयोग कर सकते हैं। हमें इस पर विचार करना होगा कि हम अपने महिला कार्यबल के लिए खासकर उभरते क्षेत्रों में और क्या कर सकते हैं।’ मोदी ने कहा कि देश नारी शक्ति का सही उपयोग कर 2047 की आकांक्षाओं के अनुरूप अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकता है।  उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के संबोधन पर भी उन्होंने इस पर जोर दिया था।
 

मोदी ने तेजी से फैसले लेने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि उन्हें त्वरित रूप से लागू करना होगा, जिससे हम चौथी औद्योगिक क्रांति का फायदा उठा सकें। 

उन्होंने कहा कि देश पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों का लाभ उठाने में पीछे रह गया। मौजूदा चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने के लिए हमें त्वरित निर्णय लेने और इसे तेजी से लागू करने की भी जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया तेजी से बदल रही है। इसका लाभ लेने के लिए हमें भी उसी गति से तैयार होना होगा।’
 

मोदी ने कहा कि भारत ने आव्रजन व आवाजाही को लेकर तमाम देशों के साथ साझेदारी समझौते किए हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को इन अवसरों का लाभ उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी कवायद बढ़ाने और एक दूसरे से सीखने की जरूरत है।’प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल प्रमुख पहल में से एक था, जिसकी वजह से कार्यबल, खासकर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जा सका है। इसे पेश किए जाने के एक साल के भीतर 400 क्षेत्रों के करीब 28 करोड़ कामगार इस पोर्टल पर पंजीकृत हुए। इससे खासकर निर्माण क्षेत्र में लगे श्रमिकों, विस्थापित श्रमिकों व घरेलू कामगारों को फायदा हुआ। उन्होंने सभी राज्यों से कहा कि वे अपने पोर्टलों को ई-श्रम के साथ जोड़ें। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रम योगी महाधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी केंद्र की तमाम योजनाओं ने कामगारों को सुरक्षा कवच मुहैया कराई है। 
 

 उन्होंने कहा कि पिछले 8 साल में केंद्र सरकार ने औपनिवेशिक काल के तमाम कानूनों को खत्म करने का काम किया है, जिनसे गुलामी की मानसिकता का संकेत मिलता था। ऑनलाइन सेवाओं में वृद्धि का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘देश सही नीतियों और प्रयासों से इस क्षेत्र में वैश्विक अगुवा बना है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान छोटे एवं मझोले उद्योगों के लिये आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) से 1.5 करोड़ नौकरियां बचाने में मदद मिली।

First Published - August 25, 2022 | 10:02 PM IST

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